हिन्दू शास्त्र में विवाह हो बहुत ही अहम स्थान प्रदान किया गया है। विवाह दो व्यक्तियों का जीवन भर का साथ है , उनके परिवारों के मिलन एवं प्रेम का प्रतिक है। परन्तु कई बार वास्तु दोष के कारण यह रिश्ता बिखरने लगता है। इसलिए अपने जीवन की सुख - समृद्धि एवं अपने विवाहित जीवन को खुशी से व्यतीत करने हेतु इन दोषों का निवारण करना आवश्यक होता है। सभी चाहतें है की उन्हें एक अच्छा जीवन साथी मिले जो उनका जीवन हर्ष और उल्लास से भर दे।
आइये जानतें है अच्छे जीवन साथी एवं सुखद जीवन के कुछ अचूक उपाय :
- बेडरूम के दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुलायम या पेस्टल रंग की लाइटिंग के साथ लैंपशेड लगाना चाहिए । उस पर फूलों के डिजाइन वाली गुलाबी या हल्के रंग की चादरें बिछाना शादी के लिए उत्सुक लोगों के लिए अच्छा है।
- यह सर्वविदित है कि तालाबों, फव्वारों, स्विमिंग पूलों और जैसे जल निकायों को हमेशा वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार स्थित होना चाहिए। यदि उन्हें गलत तरीके से रखा जाता है, तो घर के पुरुष लोक में एक नकारात्मकता विकसित होने की संभावना होती है। इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि जल निकाय हमेशा घर के उत्तर-पूर्व में स्थित हों।
- पश्चिम की ओर जमीन में एक अवसाद के कारण भी अशांति हो सकती है। यह पति-पत्नी को अत्यधिक नकारात्मक ऊर्जाओं को उजागर करता है जो शादी के खिलाफ काम करती हैं। जो की सही नहीं है इसलिए , वहां एक पीतल की घंटी लटकाएं। इसके कंपन नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव का मुकाबला करने में मदद करतें है।
- सुनिश्चित करें कि कमरे के उत्तर-पूर्व कोने को किसी भी तरह से बंद नहीं किया गया है। इंडोर प्लांट्स, पूर्वी कोने में सफेद फूल और दक्षिण -पश्चिम कोने में बेगनी या लाल गुलाब फूल , जो की रिश्ते को बेहतर बनाने में सहायक होतें है।
- घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में बेडरूम रखें।
- दक्षिण-पूर्व में शयनकक्ष से बचें क्योंकि यह अग्नि का स्थान है। इससे दंपति के बीच झड़पें हो सकती हैं।
- बेडरूम के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में बिस्तर रखें।
- बेडरूम के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में बिस्तर रखने से बचें क्योंकि इससे मानसिक तनाव और वित्तीय अस्थिरता हो सकती है।
- दक्षिण दिशा में पलंग के सिरहाने रखें।
- धातु के बिस्तर के बजाय लकड़ी के बिस्तर का उपयोग करें।
- जीवन में शांति और प्रेम लाने के लिए हमेशा चौकोर या आयताकार बेडरूम का निर्माण करें।
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