हिंदू धर्म में श्रावण मास का बहुत महत्व माना जाता है। ये पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसे तो श्रावण मास का हर एक दिन बेहद पवित्र और शुभ माना जाता है मगर इनमें भी कुछ विशेष दिन हैं जिनका महत्व अन्य दिनों से अधिक है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण दिन है श्रावण मास के अंतिम शुक्रवार का दिन। श्रावण मास के आखिरी शुक्रवार को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन वरलक्ष्मी व्रत रखा जाता है और माता वरलक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन माता के नाम पर पूजा रखने से तथा व्रत करने से साधक को अष्टलक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
यदि आपको मां वरलक्ष्मी के विषय में ना पता हो तो हम बता दें कि मां वरलक्ष्मी मां लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से एक हैं। इनका रंग दूधिया सफेद होता है। कहते हैं कि माता के इस स्वरूप की उत्पत्ति क्षीर सागर से हुई है। माता 16 श्रृंगार करती हैं और सदैव रंगीन वस्त्रों को धारण करती हैं। ऐसे तो पूरे वर्ष में प्रत्येक शुक्रवार मां लक्ष्मी की आराधना के लिए समर्पित होता है मगर श्रावण के अंतिम शुक्रवार का महत्व थोड़ा अधिक होता है।
श्रावण मास की अंतिम शुक्रवार को माता के इस स्वरूप यानी मां वरलक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन माता की पूजा करने से और उनके नाम पर व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में कभी भी कोई आर्थिक संकट नहीं आता है। इस दिन यदि आप मां को प्रसन्न करने में सफल होते हैं तो आपकी सभी आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। इसके साथ ही आपके आय और धन में वृद्धि होती है। अगर आपकी आर्थिक स्थिति कमज़ोर हो तो आपको ये पूजा अवश्य करनी चाहिए। ये आपके लिए बहुत लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
इस वर्ष 25 जुलाई से श्रावण मास की शूरुआत हुई थी। श्रावण मास फिलहाल अपने अंतिम पढ़ाव पर ही है। श्रावण मास का अंतिम शुक्रवार 20 अगस्त को पड़ रहा है। जिन्हें भी पूजा करनी हो या व्रत रखना हो वो इसी दिन पूजा करें और व्रत रखें। हम आपको बता दें कि ये व्रत केवल विवाहित महिला या पुरुष के द्वारा है किया जा सकता है। कुंवारे लोगों के लिए ये व्रत करना निषेध है मगर चिंता की कोई बात नहीं है। यदि आप ये व्रत नहीं भी कर सकते तो कुछ ऐसे उपाय हैं जिनकी सहायता से आप माता को प्रसन्न कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो उपाय।
- आप इस दिन संध्या के समय मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की साथ में विधिवत रूप से पूजा करें। दोनों के मंत्रों का जाप करें। इसके पश्चात आपके निकट जहां भी कोई पीपल का पेड़ हो वहां जाएं। पीपल के वृक्ष के नीचे आटे का दीया तथा धूप जलाएं। कहते हैं इस उपाय की मदद से आप माता को प्रसन्न कर सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी सदैव आपके घर में वास करती हैं और आपको कभी भी कोई आर्थिक परेशानी नहीं होती है।
- इस दिन एक छोटी सी चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर उसपर मां लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान गणेश के सामने घी का दीया जलाएं और मां के सामने सरसों के तेल का दीपक रखें। इसके बाद उन्हें अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें। 5, 7 या 11 बार “ॐ श्री गणेशाय नमः” का उच्चारण करें। इसके पश्चात मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का स्मरण करें। जाप माला की मदद से महालक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। अंत में भगवान की आरती करने के बाद प्रसाद वितरण कर दें।
- मां लक्ष्मी को कौड़ियां बहुत प्रिय होती हैं। इस दिन जब आप मां लक्ष्मी की पूजा करें तो इनके चरणों में 7 कौड़ियां चढ़ाएं। जब पूजा समाप्त हो जाए तो इन कौड़ियां को पूजा स्थल से उठा लें। इसके पश्चात घर में कहीं छोटा सा गड्ढा करके इन कौड़ियों को वहीं दबा दें। ऐसा करने से आपकी सभी आर्थिक समस्याओं का निवारण होगा।