Narsingh Jayanti 2021: आज भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह की जयंती है ∣ जो कि भारत के हर कोने में बड़े हर्सोल्लास के साथ मनायी जा रही है ∣ बता दें कि वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होता है ∣ पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन नरसिंह जी का जन्म हुआ था ∣ वे हिरण्यकश्यप से अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए जन्मे थे ∣
आज हम बात करेगें उत्तराखण्ड में उपस्थित चमोली जिले के जोशीमठ में इनकी खास मंदिर है ∣ जिसे लेकर कुछ खास मान्यताएं भी है ∣ लोगों का मानना है कि भगवान नरसिंह की प्रतिमा जल्द प्रलय का संदेश दे रही है
आज हम जानेगें क्या है इसके पीछे की कहानी
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अभी हाल ही में उत्तराखंड के चमोली जिले में भीषण तबाही देखने को मिली थी ∣ जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी यहां बादल फटने से ये तबाही मची थी ∣ क्या है भगवान नरसिंह के मंदिर को लेकर मान्यताएं :
आपको बता दें कि चमोली जिले के जोशीमठ में स्थित भगवान नरसिंह की मंदिर सप्त बद्री में से एक है ∣ जिस कारणवश इन्हें नरसिंह बद्री भी कहा जाता है ∣ कि भगवान नरसिंह जी की मूर्ति दिन-ब-दिन छोटी होती जा रही है ∣ साथ ही साथ उनकी उनकी कलाई भी पतली होती जा रही है ∣
धार्मिक गुरुओं की माने तो यह शुभ संकेत नहीं है. एक समय ऐसा आने वाला है जब भगवान की कलाई बिल्कुल पतली होकर प्रतिमा से गिर जायेगी ∣ ऐसा होते ही यहां भीषण प्रलय व भूस्खलन देखने को मिलेगा ∣ कुदरत के इस कहर के बाद बद्रीनाथ का रास्ता हमेशा के लिए बंद हो जाएगा ∣
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