1.सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
यह शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग है । यह ना केवल भारत परंतु धरती का सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है । यह मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित है । कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्रदेव द्वारा किया गया था, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में दिया गया है ।
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश के श्रीशेलम क्षेत्र में कृष्णा नदी के किनारे स्थित है । इस मंदिर का नाम माता पार्वती और भगवान शिव के नाम पर रखा गया है, जहां मल्लिका माता पार्वती को कहा गया है, वहीं शिव, अर्जुन के नाम से प्रसिद्ध हैं ।
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली उजैन्न नगरी में स्थित है । यह एक मात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है । यहां होने वाली भस्मारती विश्वभर में बहुत प्रसिद्ध है । महाकालेश्वर की पूजा विशेष रुप से आयु वृद्धि व आयु पर आए संकट टालने के लिए की जाती है ।
4.ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्वर का भव्य मंदिर मध्य प्रदेश के प्रचलित शहर इंदौर से 77 किमी दूर स्थित है। मंदिर के निकट ही नर्मदा नदी बहती है । जिसके बहाव के कारण मंदिर के आस पास स्थित पहाड़ो पर ऊँ का आकार बन गया है । यहां महाकाल की पूजा सदैव ही बहुत हर्षोल्लास से की जाती है ।
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
केदारनाथ भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है । यह मंदिर उत्तराखण्ड में स्थित है ।यह तीर्थ स्थल भगवान शिव को अतिप्रिय है। इस स्थान को कैलाश पर्वत के समान महत्व दिया जाता है । इसका वर्णन शिव पुराण अर्थात स्कंद पुराण मे भी किया गया है।
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मोटेश्वर महादेव के नाम से भी प्रचलित है । यह महाराष्ट्र के पुणे जिले में साह्याद्रि पर्वत पर स्थित है । मान्यता है कि जो भी भक्त यहां सुबह- सुबह भगवान शिव के दर्शन करता है तो उसके सात जन्म के पाप धुल जाते हैं व उसके लिए स्वर्ग के मार्ग भी खुल जाते हैं ।
7. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है, जिसका प्राचीन नाम काशी था । धर्म ग्रंथों मे इसका बहुत ही अधिक महत्व है ।इस स्थान की मान्यता है की प्रलय काल मे भी यह स्थान बना रहेगा ।
8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह मंदिर गोदावरी नदी के किनारे महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है । इस ज्योतिर्लिंग के पास ही ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है । मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को गोतम ऋषि व गोदावरी नदी के आग्रह पर यहां ज्योतिर्लिंग स्वरुप में प्रकट होना पड़ा था ।
9. वैद्दनाथ ज्योतिर्लिंग
वैद्दनाथ मंदिर झारखंड राज्य के देवघर नामक स्थान पर स्थित है । पवित्र स्थान होने के कारण इस स्थान को वैद्दनाथ कहा जाता है । देवघर अर्थात देवताओं के घर के नाम से भी यह स्थान बहुत ही प्रचलित है । यह एक सिद्धिपीठ है जिसे कामना लिंग के नाम से भी जाना जाता है ।
10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
धर्म शास्त्रों में शिव को नागों का देवता कहा गया है और नागेश्वर का अर्थ होता है नागों का ईश्वर । यह गुजरात के द्वारिका स्थान पर स्थित है । भगवान शिव के अनेक नामों मे एक नागेश्वर भी है ।
11. रामेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग शिव के 12 ज्योतिर्लिंग स्थानों में एक होने के साथ साथ ही हिंदू धर्म में माने गए चार धामों में से एक है । इसकी विशेषता है की इसकी स्थापना स्वयं भगवान श्री राम के द्वारा की गयी थी ।
12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
घृष्णेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के संभाजीनगर दौलताबाद के पास स्थित है । यहां लोग दूर दूर से भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं । बौद्ध भिक्षुओं द्वारा
बनाई गयी एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस ज्योतिर्लिंग के नजदीक ही स्थित हैं। यहीं पर श्री एकनाथजी गुरु व श्री जनार्दन महाराज की समाधि भी है।