पौराणिक कथा:
एक बार जब हनुमानजी को भूख लगी तो वे भोजन के लिए सीताजी के पास गए। यहां सीताजी की मांग में सिन्दूर लगा देखकर वे चकित हुए और उनसे पूछा- मां, आपने ये क्या लगाया है? तब सीताजी ने उनसे कहा कि यह सिन्दूर है, जो सौभाग्यवती महिलाएं अपने स्वामी की लंबी उम्र, प्रसन्नता और कुशलता के लिए लगाती हैं।इस पर राम भक्त हनुमानजी ने सोचा कि अगर चुटकीभर सिंदूर लगाने से स्वामी की प्रसन्नता प्राप्त होती है तो पूरे शरीर में सिंदूर लगाने से वे सदा प्रसन्न रहेंगे। यह सोचकर हनुमानजी ने पूरे बदन पर सिन्दूर लगा लिया और भगवान श्रीराम की सभा में चले गए। हनुमानजी का यह रूप देखकर सभी सभासद हंसने लगे। पूरी बात जानने के बाद भगवान श्रीराम भी स्वयं के प्रति हनुमान जी के प्रेम को देखकर अत्यंत प्रसन्न हुए। उन्होंने हनुमानजी को यह वरदान दिया कि जो भी मनुष्य मंगलवार और शनिवार को उन्हें घी के साथ सिंदूर अर्पित करेगा, उस पर स्वयं श्रीराम भी कृपा करेंगे और उसके बिगड़े काम बन जाएंगे।
विवाह संबंधी दोषों को दूर करने के लिए शिवरात्रि पर मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक : 11 मार्च 2021
अन्य कथा :
अन्य प्रचलित कथाओं में से एक महत्वपूर्ण कथा यह भी है !
लंका विजय के पश्चात भगवान राम सीता जब अयोध्या पधारे तो उसके बाद वानर सेना की विदाई का समय आया तब सभी को मां सीता उपहार दे रही थी तब उन्होंने भगवान हनुमान जी को भी अपने गले में उतार कर एक बहुमूल्य मोतियों वाली माला दी परंतु हनुमान जी उस मोतियों की माला को पाकर प्रसन्न नहीं हुए क्योंकि उसमें श्री राम का नाम नहीं था.... तब सीता जी समझ गई कि हनुमान जी श्रीराम से जुड़ा कोई उपहार देना होगा तब सीता जी ने हनुमान जी से कहा मेरे पास इस सिंदूर से अधिक महत्वपूर्ण कोई वस्तु नहीं है इसलिए तुम यह सिंदूर धारण कर अजर अमर हो जाओ तब से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाया जाने लगा इसी सिंदूर से हनुमान जी आज भी अजर अमर है ।
विज्ञान की मानें तो सिंदूर ऊर्जा का प्रतीक है जब भक्तजन अपने आराध्य की पूजा के बाद इसे तिलक के रूप में अपने माथे पर लगाते हैं तो उनके दोनों आंखों के बीच स्थित ऊर्जा केंद्र सक्रिय हो जाते हैं ऐसा करने से मन में अच्छे विचार आते हैं साथ ही भगवान की कृपा भी बनी रहती है ।
यह भी पढ़े :-
बीमारियों से बचाव के लिए भवन वास्तु के कुछ खास उपाय !
क्यों मनाई जाती हैं कुम्भ संक्रांति ? जानें इससे जुड़ा यह ख़ास तथ्य !
जानिए किस माला के जाप का क्या फल मिलता है