ग्रहों का राशि में गोचर का विशेष महत्व होता है। सभी नौ ग्रह हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मुख्यतः नौ ग्रह सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करते हैं। हमारे जीवन की स्थिति इन्हीं ग्रहों पर निर्भर करती है। जो भी अच्छा या बुरा होता है चाहे वो आम जीवन हो या देश दुनिया की बातें, सब इन्हीं ग्रहों पर निर्भर करती हैं। सितम्बर अक्टूबर महीने में कई ग्रहों के राशि एवं नक्षत्र परिवर्तन से देश दुनिया प्रभावित होने वाली है। आइये देखते हैं क्या होने के हैं आसार-
सभी कामनाओं को पूरा करे ललिता सहस्रनाम - ललिता सप्तमी को करायें ललिता सहस्त्रनाम स्तोत्र, फ्री, अभी रजिस्टर करें
मंगल, गुरु, शुक्र का होने वाला है परिवर्तन क्या होंगे प्रभाव
इस समय कई ग्रहों का दूसरी राशि में परिवर्तन होने वाला है। 6 सितंबर से मंगल ग्रह का कन्या राशि में प्रवेश हो गया है। इससे सभी राशियां प्रभावित होंगी। मंगल ग्रहों के सेनापति के रूप में जाना जाता है। ये साहस, शौर्य, उत्साह, शत्रुता का कारक माना जाता है। शुक्र का प्रवेश 5 सितम्बर से तुला राशि में हो गया है। मंगल नवम्बर तक अस्त स्थिति में है और यह सेना, पुलिस को प्रदर्शित करता है। अस्त होने की स्थिति में आत्मविश्वास में कमी आ जायेगी जिससे कई कार्यों में कमी देखने को मिलेगी। विवाद बढ़ सकते हैं। बताया जाता है कि देश के प्रधानमंत्री जी की पत्रिका भी मंगल प्रधान है, मंगल का कन्या राशि में गोचर विरोध प्रदर्शन दिखाता है। कई जगह आंदोलन हो सकते हैं। सीमा पर विवाद हो सकता है। विरोध की स्थिति भी आ सकती है। अस्त होने की वजह से मंगल नकरतमक रूप से प्रभावित करता है। मान्यता है मंगल अस्त होने के कारण तालिबान विवाद हो गया और बढ़ता चला गया। इसी प्रकार देश में कई विवादित घटनाओं की संभावनाएं हैं। जब मंगल का उदय नवम्बर महीने में होगा तब स्थिति में सुधार की संभावनाएं हैं। धीरे धीरे गाड़ी पटरी पर आएगी। शांतिपूर्ण वातावरण होने की संभावनाएं हैं किंतु अभी यह चिंता का विषय है। फैसलों को गहन चिंतन से लिया जाए। सिंतम्बर माह के आखिरी से अक्टूबर के मध्य तक ग्रहों के कारण माहौल में हलचल सी रहेगी। जब गुरु का मकर राशि में प्रवेश होगा और नीच भंग राजयोग का बनेगा तो नीच तत्व का परिणाम मिलेगा फिर राजयोग का फल प्राप्त होगा। गुरु भले कमज़ोर और शनि भले प्रबल अवस्था में होंगे फिर भी प्रभाव की स्थिति सही रहेगी। देश की कुंडली के बारहवें भाव में जब नवमांश में मंगल, राहु, शनि का योग होगा तो इससे प्रभाव काफी वृहद स्तर पर हानिकारक हो सकते हैं। किसी प्रकार की अप्राकृतिक घटना घटित हो सकती है। इसके लिए हमें सचेत रहने की आवश्यकता है। कोरोना महामारी के प्रभाव से इसे देखा जा सकता है। राहु का भी नक्षत्र परिवर्तन सूर्य के कृतिका नक्षत्र में हो रहा है। जिससे महामारी को बढ़ता देखा जा सकता है पर उस पर समय से नियंत्रण भी पा लिया जाएगा। राशियों के इस परिवर्तन से सिर्फ देश में ही नही पूरी दुनिया पर प्रभाव देखने को मिलेगा। अक्टूबर के मध्य से गुरु के मार्गी होने पर स्थिति में सुधार पाया जा सकता है। सम्पूर्ण विश्व शांति की ओर अग्रसर होगा।
शनि के मार्गी होने से क्या होंगे विशेष प्रभाव
माना जा रहा है कि 11 अक्टूबर से शनि मार्गी हो रहे हैं जिससे सैन्य व्यवस्था से लेकर न्याय प्रणाली में तीव्रता आएगी। भारत के लिए एक अच्छा समय आएगा और नेतृत्व अच्छी तरह से होगा जिससे असामाजिक तत्वों पर रोक लगेगी। राहु का प्रवेश भी जब सूर्य के कृतिका नक्षत्र में होगा तो सूर्य जैसा फल राहु से भी प्राप्त होगा जिससे आत्मविश्वास बढ़ेगा। राजनीति में फेरबदल होगा देश अच्छे नेतृत्व से आगे बढ़ेगा। महंगाई कम हो सकती है बढ़ते दामों में कमी आएगी, जो कि आम जनमानस के लिए सुख के आसार हैं। बुध का वास कन्या राशि में चल रहा है आने वाले समय में बुध सूर्य के साथ मिलकर बुद्धादित्य राजयोग बनाएंगे जिससे आमदनी के नए रास्ते खुलेंगे, बेरोज़गारी पर प्रभाव पड़ेगा। लोगों में अलग उत्साह होगा बुध के इस योग से अर्थव्यवस्था में बड़ा सुधार होगा।
देश दुनिया के लिए ग्रहों के परिवर्तन से आने वाला समय चुनौतीपूर्ण रहेगा पर सही फैसलों एवं संयम से समयानुसार इसको नियंत्रित किया जा सकता है। उसके बाद भारत एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरकर समूचे विश्व में अपना डंका बजायेगा।
माँ ललिता धन, ऐश्वर्य व् भोग की देवी हैं - करायें ललिता सहस्त्रनाम स्तोत्र, फ्री, अभी रजिस्टर करें
कब मिलेगी आपको अपनी ड्रीम जॉब ? जानें हमारे अनुभवी ज्योतिषियों से- अभी बात करें FREE
क्यों हो रही हैं आपकी शादी में देरी ? जानें हमारे एक्सपर्ट एस्ट्रोलॉजर्स से बिल्कुल मुफ्त