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Satyanarayan Puja: गुरूवार के दिन करें श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा, होंगी समस्त इच्छाएं पूर्ण

Myjyotish Expert Updated 16 Sep 2020 02:38 PM IST
सत्य नारायण व्रत कथा
सत्य नारायण व्रत कथा - फोटो : Myjyotish
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सत्यनारायण की कथा पूरे भारत वर्ष में प्रचलित हैं। श्री सत्यनारायण भगवान विष्णु को कहा जाता हैं । सत्यनारायण का अर्थ हैं की संसार में एक ही सत्य हैं और वह है नारायण बाकी सब मोह हैं । भगवान विष्णु के इस रूप को सत्य का अवतार माना जाता हैं। हिन्दू धर्म में सत्यनारायण कथा एवं व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना  गया हैं। सत्यनारायण कथा सिखाती हैं कि जीवन में सत्य का ही महत्व हैं । सत्यनारायण की भक्ति करना ही मनुष्य का एकमात्र धर्म हैं ।

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सत्यनारायण व्रत कथा 

ग्रंथों के अनुसार बताया गया हैं की एक बार नारदमुनि भ्रमण करते-करते मृत्युलोक पहुँच गए । मृत्युलोक में लोगों की दशा देख कर वह बहुत दुःखी हुए और भगवान विष्णु के पास इसके निवारण के लिए जा पहुँचे । भगवान विष्णु नारदमुनि की लोक कल्याण की भावना को देख प्रसन्न हुए और तब नारायण ने स्वयं अपने मुख से सत्यनारायण की कथा और व्रत का वर्णन किया । नारायण ने नारद जी को बताया के इस संसार में सुख प्राप्ति का एक ही मार्ग हैं , वह है सत्यनारायण कथा। भगवान सत्यनारायण की पूजा एवं व्रत का महत्व बहुत अधिक है। मंगल कार्य जिसे संतान उत्पत्ति ,मुंडन, ग्रह प्रवेश, शादी, जन्मदिन,आदि के अवसर पर सत्य नारायण कथा कराई जाती हैं । यह कथा कई लोग भगवान को धन्यावद देने के लिए भी करते है और कई साल में एक बार किसी विशेष दिन पर इस कथा के आयोजन करते हैं । 

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सत्यनारायण भगवान की कथा जीवन के समस्त कष्ट दूर हो जातें है। यदि किसी भी  व्यक्ति को कोई गंभीर समस्या हो तो वह इस कथा का पाठ करने से दूर हो जाती है। भगवान विष्णु के परम अवतार श्री सत्य सदैव नकारात्मकता से अपने भक्तों को दूर रहते है। उन्हें किसी प्रकार का कष्ट नहीं भोगने देते। जो कोई भी इनकी पूजा पूर्ण श्रद्धा एवं निष्ठा से करता है उसकी समस्त कामनाएं पूर्ण हो जाती है।  साथ ही उसका घर - परिवार सदैव सुख से जीवन व्यतीत करते है। 

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