गुप्त नवरात्रि 2020 : इस वर्ष आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि 22 जून से लेकर 29 जून तक मनाए जाने वाले है। इस समय भक्तों द्वारा देवी को प्रसन्न करने हेतु अनंत प्रयास किए जातें है। देवी की महिमा अपरम्पार है। उनके आशीर्वाद से समस्त परेशानियों का निवारण होता है। इस दौरान विभिन्न उपाय भी किए जातें है जिससे शीग्र अति - शीग्र देवी को प्रसन्न किया जा सकें। गुप्त नवरात्रि का पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। इस पूजा का विशेष महत्व होता है। इन दिनों देवी की आराधना करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। गुप्त नवरात्रि में विशेष रूप से दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। उनके विषय में अनेकों उपाय एवं परिश्रम किए जातें है जिससे देवी भक्तों को इच्छानुसार फल प्रदान करती है।
समस्त दुःखों से पाएं छुटकारा , गुप्त नवरात्रि पर बुक करें बगलामुखी सामूहिक मंत्रों का जाप
गुप्त नवरात्रि पर किए जाने चाहिए यह उपाय : -
- इस दौरान मंत्र साधना का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है की देवी के मंत्रों का जाप करने से भक्तों की सारी विपदाएं दूर हो जाती है , तथा उन्हें सुखद जीवन का अनुभव होता है।
- देवी को पूजन के समय लाल रंग की चुनरी अर्पण करनी चाहिए। श्रृंगार की वस्तुओं में चुनरी बहुत अहम होती है , तथा यह देवी को प्रदान करने से देवी बहुत प्रसन्न होती है।
- पूजन के समय देवी को उड़हूल का फूल जरूर चढ़ाना चाहिए। यह फूल विशेष रूप से देवी लक्ष्मी को प्रिय होता है। कहा जाता है की इस फूल को प्रदान करने वाले पर देवी अपनी कृपा सदैव बनाए रखती है। उसे कभी भी धन - धान्य की कोई कमी नहीं होने देती है।
- दस महाविद्याओं को प्रसन्न करने हेतु दुर्गा सप्तशती का पाठ बहुत आवश्यक होता है। इस पाठ के माध्यम से भक्तों को विशेष शक्ति की प्राप्ति होती है। इससे व्यक्ति के कार्य क्षेत्र में बढ़ोतरी होती है , तथा उसे वेदनाओं से मुक्ति मिलती है।
- कथन के अनुसार तो समस्त देवी की पूजा महत्वपूर्ण है परन्तु माँ बगलामुखी की आराधना से भक्तों को अनंत फल की प्राप्ति होती है। माँ बगलामुखी देवी पीताम्बरा के नाम से भी जानी जाती है। मान्यता है की इनके मंत्रों के जाप से धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती है और व्यक्ति का जीवन पूर्ण रूप से कर्ज मुक्त हो जाता है।
गुप्त नवरात्रि : दस महाविद्याओं के महा मंत्र
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