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महाशिवरात्रि 2020 : महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से खुल जाएंगे धन और समृद्धि के द्वार

My Jyotish Expert Updated 11 Feb 2020 04:01 PM IST
Mahashivratri 2020:The doors of wealth  will open by mahakaleshwar pujan
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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का नाम सुनते ही भगवान शिव के दूसरा रूप का हमारे मन में भाव आता है।12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का बहुत महत्व है। मध्यप्रदेश की धार्मिक राजधानी कहे जाने वाली उज्जैन नगरी में भगवान शिव का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। जहां हर साल लाखों की संख्या में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। जिसके बाद मंदिर में स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करते हैं, ताकि वे महाकाल की कृपा पा सकें और अपने पूरे परिवार के लिए लंबी आयु, सुखी जीवन, धन-स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त कर सकें।



हर कण में बसी है शिव की भक्ति
भारत के हृदयस्थल मध्यप्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के तट के पास महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है ।यहां विहंगम दृश्य भी देखने को मिलते हैं। इस नगर के कण-कण में भक्ति के रंग भरे हुए हैं, और रोज प्रात:काल के समय गली-चौराहों के पास मंदिरों में हर हर महादेव के जयकारे सुनाई पड़ते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान महाकालेश्वर के नगर में एक-दो ही नहीं बल्कि 33 करोड़ देवता मंदिरों में विराजते हैं। सावन के महीने में शिव की भक्ति आराधना करना बहुत ही फलदायी होता है। इससे आपके धन, व्यापार में वृद्धि होने के साथ-साथ आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। महाकाल की महिमा का वर्णन इस प्रकार से किया गया है-

आकाश तारकं लिंगं पाताले हाटकेश्वरम्। भलोके महाकालो लिंड्गत्रय नमोस्तुते।।
इसका अर्थ यह हुआ, कि आकाश में तारक लिंग, पाताल में हाटकेश्वर लिंग तथा इस धरती पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग है।

महाकाल से जुड़ी पौराणिक कथा-
उज्जैन में महाकाल के प्रकट होने की एक कथा है कि दूषण नाम के असुर से लोगों की रक्षा के लिए स्वयं महाकाल यहां प्रकट हुए थे। दूषण का वध करने के बाद भक्तों ने जब महाकाल से उज्जैन में वास करने के लिए प्रार्थना की तब महाकाल यहां खुद प्रकट हुए। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा में भस्म अर्पित करने का विशेष महत्व है। भस्म की आरती यहां कि प्राचीन परंपरा है। महाकालेश्वर मंदिर में ही विशेष रूप से पूजा की जाती है शिवपुराण के अनुसार, ये भस्म पूरी सृष्टि का सार है और एक दिन पूरी सृष्टि इसी भस्म में मिल जानी है। भस्म आरती महाकाल का श्रृंगार है और उसे जगाने की विधि माना गया है। भस्म का बहुत महत्व है और यही इनका प्रमुख प्रसाद है। शिव के ऊपर चढ़े प्रसाद से कई तरह के रोग समाप्त हो जाते हैं। कहा जाता है कि यदि आपने महाकाल की भस्म आरती नहीं देखी, तो आपका महाकालेश्वर जाना अधूरा है।
 
कैसे पहुंचे उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में-
जब कभी भी आपको भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिए उज्जैन जाना हो, तो आपके लिए इंदौर, रतलाम, भोपाल आदि स्थानों से बस, ट्रेन व टैक्सी आदि की भी सुविधा उपलब्ध है। यहां का नजदीकी एयरपोर्ट देवी अहिल्या इंदौर में है जिसके द्वारा आप आसानी से उज्जैन जा सकते हैं।
 
हर कोई अपना जीवन निरोगी जीना चाहता है। अगर आप भी नहीं चाहते कि कोई असाध्य रोग आपको और आपके परिवार को नुकसान पहुंचाये तो अभी करायें भगवान शिव की यह विशेष जाप- 

आपके परिवार से असाध्य रोग रहेंगे दूर
 
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