रविवार का दिन सूर्य देवता का है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति का तेज बढ़ता है। रविवार के दिन यदि सूर्यनारायण की आरती करते हैं तो आपको इसका विशेष लाभ मिलता है। मान्यता है की यदि आप बाकी दिनों में सूर्य देव की पूजा नहीं कर पाते और केवल रविवार के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं तो आपको बाकी दिनों का भी पुण्य मिलता है। यही नहीं इस एक दिन सच्चे मन से की गई सूर्य देव की उपासना से आपको बुद्धि, बल, विद्या, तेज और वैभव प्राप्त होता है। सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में आत्मा, मान-प्रतिष्ठा, अधिकारी और सरकारी क्षेत्र में सफलता का कारक माना गया है।
इनकी प्रसन्नता से किस्मत के सितारे बुलंद हो जाते हैं। नौकरी में तरक्की और कामयाबी मिलती है।
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सूर्य पूजा के दौरान श्रद्धालुओं को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि-
- सूर्योदय से पहले ही शुद्ध होकर स्नान कर लेना चाहिए।
- भगवान श्री सूर्य नारायण को तीन बार अर्घ देकर प्रणाम करना चाहिए।
- संध्या के समय भी श्री सूर्य नारायण को अर्घ देकर प्रणाम करें।
- आदित्य हृदय का नियमित पाठ करने से भगवान श्री सूर्य की कृपा जल्द प्राप्त होती है।
- रविवार को तेल और नमक खाने से बचें और यदि संभव हो तो एक समय ही भोजन करें।
- अर्घ हमेशा पूर्व दिशा में देना चाहिए और साफ उच्चारण के साथ सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए।
- अर्घ देने के बाद उस जल को अपने माथे पर लगाना अच्छा माना जाता है।
- ध्यान दें कि जब अर्घ देने जा रहे हैं तो जल का बर्तन तांबे का होना चाहिए।
सूर्य नारायण भगवान की पूजा करने से लाभ:
- श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- रुके हुए काम अचानक बनने लगते हैं और सफलता मिलती है।
- जीवन में आ रही बाधाएं अचानक दूर होने लगती हैं।
- घर परिवार में सुख और शांति का वास होता है।
- वैभव, यश, भाग्य और विद्या में वृद्धि होती है।
रविवार के दिन व्रत करने की विधि:
- इस व्रत को करने से पहले यह संकल्प लेना जरूरी है कि कितने रविवार यह व्रत किया जाएगा।
- इसके बाद आने वाले रविवार से इसे शुरू कर सकते है।
- रविवार सुबह लाल रंग के कपड़े पहनकर सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए।
- इसके बाद सूर्य देव को जल, रक्त चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दुर्वा से अर्घ देकर पूजन करें।
- भोजन सूर्यास्त के बाद ही करें और इसमें गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही और घी का उपयोग अवश्य करें ।
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