ग्रहण का दिन होने पर भी मनाये जायेगे दो पर्व वट- सावित्री और शनि जयंती- क्योंकि सूतक नही होगा मान्य- ज्योतिषाचार्य स्वाति सक्सेना
10 जून के दिन पड़ने वाले दो त्यौहार वट सावित्री व्रत और शनि जयंती को मनाने पर कोई रोक नहीं होगी.
जेष्ठ अमावस्या पर ये सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शाम 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। आंशिक ग्रहण होने के कारण इस का सूतक भी मान्य नही होगा।इसी कारण कोई भी धार्मिक कार्य,देव पूजन निषेद नही होगा। भगवान शनि के प्राकट्य और वट सावित्री पर्व को मनाया जाएगा।
ये ग्रहण वृष राशि और मृगशिरा नक्षत्र में घटित होगा और मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में आंशिक व उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। जो 'रिंग ऑफ फायर' के रूप में कुछ जगहों से आकाश में देखा जा सकेगा।
वक्रीय शनि,वर्ष के राज और मंत्री मंगल देव का अपनी निचस्त राशि कर्क मे गोचर के साथ 15 दिन के अंदर ये इस साल का दूसरा ग्रहण होगा। इस का प्रभाव देश की न्यायिक व्यवस्था और राजनीति पर तो पड़ेगा ही साथ ही प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला बना रहेगा। इस खगोलीय घटना का प्रभाव देश दुनिया पर पड़ेगा।
इस माह जून में सूर्य बुध मंगल शुक्र का राशि परिवर्तन इस ग्रहण को प्रभावी बनाएगा ।हर राशि और व्यक्ति विशेष पर इस का प्रभाव रहेगा। जीवन मे इस ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने के लिए आने वाले सवा माह तक आदित्य हृदय स्रोत्र का पाठ अपने नियमित पूजन में जरूर शामिल करना चाहिए।