हिंदू धर्म में सिंदूर को एक पवित्र माना गया है और महिलाओं के जीवन में सिंदूर का विशेष स्थान होता है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए मांग में सिंदूर को लगाती है। सिंदूर का प्रयोग हिंदू धर्म में सिर्फ मांग भरने के लिए ही नहीं होता बल्कि पूजा-पाठ में भी सिंदूर का इस्तेमाल किया जाता है और सिंदूर का एक विशेष इस्तेमाल परिवार की सुख-समृद्धि के लिए भी किया जाता है जिसे परिवार में शांति बनी रहे।
जानते है कुछ वास्तु शास्त्र के अनुसार सिंदूर के लाभ-
नकारात्मक शक्ति दूर रहती है
वास्तु शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म के सिंदूर को शुभ माना जाता है और इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है। सिंदूर में तेल मिलाकर लगाने से घर में शांति का माहौल बना रहता है। इस तरह इसे 40 दिनों तक लगाने से वास्तु दोष दूर हो जाता है।
लक्ष्मी मां को प्रसन्न करने के लिए
पूजा-पाठ में सिंदूर का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन मां दुर्गा और लक्ष्मी मां को प्रसन्न करने के लिए विशेष तौर पर सिंदूर चढ़ाया जाता है। पूजा के बाद रोजाना सिंदूर को मुख्य द्वार पर लगाएं। ऐसा करने से घर में धन की वर्षा होती है और मां लक्ष्मी का वास बना रहता है।
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सम्मान पाने के लिए भी सिंदूर का इस्तेमाल
आपको अगर दफ्तर और घर में कोई सम्मान नहीं देता है तो ऐसे करें इसके लिए एक पान का पत्ते में फिटकरी और सिंदूर बांधकर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा 3 बुधवार तक करें, तो अवश्य आपको सम्मान प्राप्त होगा।
वैवाहिक जीवन में सुधार
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर किसी भी वजह से आपके वैवाहिक जीवन में मुश्किले समय चल रहा है, तो सुहागिन महिलाओं को बाल धोने के बाद सुबह गौरी मां को सिंदूर चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन अच्छा व्यतीत होता है।
ग्रहों की शांति के लिए भी सिंदूर का इस्तेमाल
अगर किसी पर ग्रहों का दोष चल रहा है तो आप उसे शांत करने के लिए आप सिंदूर का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपकी कुंडली में सूर्य और मंगल मारक ग्रह है, महादशा या अंतर्दशा हो तो सिंदूर को बहते जल में प्रवाहित करें। ऐसा करने से सूर्य और मंगल ग्रह शांत हो जाएगे। इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी और सभी दोषों से मुक्ति भी मिलेंगी।
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