Shukra Tara Asta 2023: शुक्र कर्क राशि में अस्त होकर बन सकते हैं कई कार्यों में अवरोध का कारण
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शुक्र को बहुत ही शुभ और सौंदर्य प्रदान करने वाला ग्रह माना जाता है. यह सबसे चमकदार तारे के रुप में स्थान पाता है. जीवन में सभी प्रकार के अनंद को पाने हेतु शुक्र का शुभ होना अत्यंत विशेष होता है. जीवन में प्रेम और सुख के लिए शुक्र की स्थिति का अच्छा होना अमृत के समान होता है. लेकिन यदि कुछ कमजोर हो तो परेशानी भी देता है. शुक्र को शुभ माना जाता है तथा इसकी स्थिति अच्छी बताई गई है.
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जब कुंडली में शुक्र शुभ स्थिति में होता है तो यह सभी प्रकार के सुख प्रदान करता है, लेकिन यदि यह शुभ स्थिति में कमजोर हो तो स्थिति अधिक चिंता और सुख की कमी दर्शाती है. शुक्र कई कारणों से कमजोर हो सकता है जिसमें से एक कारण शुक्र के अस्त होने का भी होता है. इस समय शुक्र ग्रह कुछ कमजोर हैं क्योंकि वह अस्त हैं. शुक्र सिंह राशि में अस्त हो रखे हैं और 19 अगस्त के करीब उनकी स्थिति में उदय की होगी. अब ऐसे में शुक्र का प्रभाव निश्चित रूप से कम हो जाएगा.
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शुक्र क्यों होता है अस्त ?
शुक्र की अस्त स्थिति सूर्य के करीब आने पर निर्मित होती है. भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक शुक्र जब भी सूर्य के नजदीक होता है तो एक विशेष अंशात्मक स्थिति पर आने के कारण शुक्र की स्थिति अस्त कहलाती है. जिसे सामान्य भाषा में तारा अस्त भी कह दिया जाता है. शुक्र इस समय कर्क राशि में है और वक्री चाल में भी है. कर्क राशि में ही सूर्य भी विराजमान है तो इस कारण शुक्र सूर्य के अधिक करीब होने पर अस्त की स्थिति में भी है. अब इस स्थिति का प्रभाव कई राशियों पर भी पड़ेगा. जब यह अस्त होता है तो इसके गुणों में कमी आ जाती है.
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शुक्र अस्त होने का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई ग्रह सूर्य के निकट आता है तो वह अस्त हो जाता है अर्थात अपनी चमक खो देता है क्योंकि सूर्य सबसे अधिक चमकीला ग्रह है. जब कोई ग्रह अस्त होता है तो उसका शुभ प्रभाव कम हो जाता है और अशुभ प्रभाव बढ़ सकता है. जब कोई ग्रह सूर्य से दूर चला जाता है तो वह ऊपर उठता है और अपनी चमक पुनः प्राप्त कर लेता है. अब जब शुक्र अस्त होने वाला है तो विवाह सगाई जैसे कार्यों पर रोक लग जाती है इन कार्यों को इस समय पर बिलकुल भी नहीं किया जाता है और इसी कारण शादी विवाह के काम तारा अस्त होने पर रोक दिए जाते हैं.