इस जन्माष्टमी से जुड़ी खास बातें ज़रूर जानिए
1. कई प्रकार के वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व को हुआ था लेकिन हिंदू परंपरा के अनुसार इस वर्ष भगवान कृष्ण का ये 5248वां जन्मदिन होगा। हालांकि शोध बार बार अपडेट होते हैं इसलिए इन्हें इतना पुख्ता नहीं माना जाता है।
2. हिंदू पुराणों की मानें तो भगवान कृष्ण विष्णु के 8वें अवतार हैं और इन्होंने भी आधी रात के समय सबसे शुभ मुहूर्त में जन्म लिया था। उस समय उस मुहूर्त पर जितने भी ग्रहों का पहरा था वे सब ही बहुत शुभ थे। भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि के योग से मिले दिन पर ही हुआ था। ज्योतिष बताते हैं कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात 12 बजे हुआ था जिसे शून्य काल का वक्त भी कहते हैं।
3. ऐसा भी माना जाता है कि जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था तब 8 अंको का शुभ योग बना था जिसे दुनिया की सभी परिस्थितियों में से सबसे अलग माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि हर व्यक्ति का जन्म एक अलग परिस्थिति में ही होता है लेकिन जो लोग दुनिया में बहुत महत्वपूर्ण कार्य के लिए आते हैं और महान कहे जाते हैं, उनकी जन्म परिस्थिति ही कठिन और बाकियों से बहुत ज्यादा अंतर वाली होती है। ये तो सभी जानते हैं कि कृष्ण के जन्म के दौरान उनके माता पिता कंस की कैद में थे। बाहर बहुत तेज बारिश हो रही थी जिस कारण यमुना नदी में घोर तूफान था। कृष्ण के माता पिता को कृष्ण की मौत का डर था क्योंकि उनके पिछले 7 बच्चों को भी कंस ने मार दिया था। उस दिन खूब अंधेरा था।
4. जैसा कि बताया गया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था और जन्माष्टमी के व्रत के लिए उदया तिथि मनाना जरूरी होता है इसलिए इस वर्ष जो भी लोग जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे उन्हें ये ध्यान रखना है कि वे 30 अगस्त को ही व्रत रखें। अगले दिन 31 अगस्त को आप अपना व्रत सुबह 9 बजकर 44 मिनट के बाद खोल सकते हैं। इसी समय रोहिणी नक्षत्र भी पूरा होगा।
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