सनातन धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्त्व हैं । पितृ पक्ष या श्राद्ध भादो महीने की पूर्णिमा से शुरू होता है और अश्विनी महीनें की अमावस्या तक 16 दिन का समय होता हैं । इस दौरान परिवार अपने पूर्वजों को याद करतें हैं और उनका पिंड दान करते है तथा पितरों की आत्मा की शांति का लिए उनका तर्पण करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी - देवता से पहले पितरों का पूजन करना चाहिए। अगर बिना पितरों की पूजा किए किसी भी भगवान की पूजा करें तो भी फल नहीं मिलता। अगर श्राद्ध में पितरों का तर्पण न हुआ हो तो उनकी आत्मा मृत्यु लोक में भटकती रहती हैं।
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इसके अलावा कुछ चीज़े ऐसी है जिनका दान करने से आर्थिक परेशानी दूर होती हैं।
गौ दान - गौ दान हिन्दू धर्म मे सबसे बड़ा दान माना गया हैं , श्राद्ध में गौ दान से आर्थिक परेशानियों दूर होतीं हैं।
तिल का दान - श्राद्ध के दिनों में तिल का दान अच्छा माना जाता हैं । कहा जाता है की इसी से पितरों को शांति मिलती हैं।
घी दान - गाय के शुद्ध घी का दान करने से आर्थिक तंगी दूर होती हैं।
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कपड़ा दान - पितृ पक्ष में नए कपड़ो का दान करना चाहिए , इसे बहुत शुभ माना गया हैं।
नमक दान - नमक का दान बहुत अच्छा माना गया हैं , इससे पितृ प्रसन्न होतें हैं।
गुड़ दान - गुड़ का दान बहुत फलदायी माना गया हैं ।
चांदी का दान - चांदी के दान का बहुत अधिक महत्व बताया गया हैं । कहा जाता हैं इससे पुर्वज सबसे ज़्यादा प्रसन्न होतें हैं।
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