- गरुड़ पुराण के अनुसार अगर व्यक्ति श्राद्ध के समय पितृ भोजन करवाता है तो पितृ उससे संतुष्ट होते हैं। पितृ व्यक्ति को आयु, पुत्र, यश, स्वर्ग, कीर्ति, पुष्टि, बल, वैभव, पशु, सुख, धन और धान्य का वरदान देते हैं ।
- मार्कंडेय पुराण के अनुसार श्राद्ध से तृप्त होकर पितृगण श्राद्ध करता को दीर्घायु, संतति, धन, विद्या ,सुख, राज्य, स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करते हैं ।
- ब्रह्म पुराण के अनुसार शाक के द्वारा विधिपूर्वक श्रद्धा भक्ति से श्राद्ध करें तो उससे कुल यानी परिवार में कोई भी व्यक्ति के जीवन में दुख नहीं होता।
- कुर्मपुराण में कहा गया है कि 'जो प्राणी जिस किसी भी विधि से एकाग्रचित होकर श्राद्ध करता है, वह समस्त पापों से रहित होकर मुक्त हो जाता है और पुनः संसार चक्र में नहीं आता।'
- हेमाद्रि नागरखंड के अनुसार एक दिन के श्राद्ध से ही पितृगण वर्ष भर के लिए संतुष्ट हो जाते हैं, यह निश्चित है।
- विष्णु पुराण के अनुसार श्रद्धायुक्त होकर श्राद्ध कर्म करने से पितृगण ही तृप्त नहीं होते, अपितु ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, दोनों अश्विनी कुमार, सूर्य, अग्नि, अष्टवसु, वायु, विश्वेदेव, ऋषि, मनुष्य, पशु-पक्षी और सरीसृप आदि समस्त भूत प्राणी भी तृप्त होते हैं।
- देवलस्मृति के अनुसार 'श्राद्ध की इच्छा करने वाला प्राणी निरोग स्वास्थ, दीर्घायु, योग्य सन्तति वाला, धनी तथा धनोपार्जक होता है। श्राद्ध करने वाला मनुष्य विविध शुभ लोकों को प्राप्त करता है, परलोक में संतोष प्राप्त करता है और पूर्ण लक्ष्मी की प्राप्ति करता है।'
- पुत्र, भाई, पौत्र (पोता), अथवा दौहित्र यदि पितृकार्य में अर्थात् श्राद्धानुष्ठान में संलग्न रहें तो अवश्य ही परमगति को प्राप्त करते हैं।
Shradh 2020 Dates- जानें श्राद्ध प्रारम्भ तिथि एवं महत्व
श्राद्ध पूजा 2020 : क्या है विशेष, जानें मान्यता
श्राद्ध 2020 : कब से प्रारम्भ हो रहें है श्राद्ध, जानें महत्वपूर्ण तिथियाँ