- पितृ पक्ष के दौरान चावल, नॉन-वेज, लहसुन, प्याज और बाहर का खाना खाने से बचें। घर का बना सात्विक भोजन ही खाएं। साथ ही बैंगन को पकाने या खाने से बचें।
- श्राद्ध भोजन में मसूर, काली उड़द, चना, काला जीरा, काला नमक, काली सरसों और किसी भी अशुद्ध या बासी खाद्य उत्पाद का उपयोग न करें।
- श्राद्ध कर्म करने वाले व्यक्ति को अपने नाखून नहीं काटने चाहिए।
- इस अवधि के दौरान दाढ़ी या बाल भी नहीं कटवाने चाहिए।
- उसे गंदे कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
- श्राद्ध कर्मकांड करते समय उन्हें चमड़े से बने उत्पादों जैसे बेल्ट, बटुए या जूते का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- यदि आप श्राद्ध अनुष्ठान कर रहे हैं और मंत्रों का जाप कर रहे हैं, तो किसी के साथ बात करने के लिए इसे रोकें नहीं। इससे नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है।
- नशा श्राद्ध के दौरान आपके अच्छे कर्मों और दान को नष्ट कर देता है। कई बार लोग तम्बाकू चबाते हैं, सिगरेट पीते हैं या शराब का सेवन करते हैं। इस तरह के बुरे व्यवहार में लिप्त न हों। इससे श्राद्ध कर्म करने का फल नहीं मिलता है।
- शारीरिक संबंध बनाने से बचें। ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- झूठ बोलने से बचें और ना ही कठोर शब्दों का प्रयोग करें।
- यदि संभव हो, तो सभी 16 दिनों के लिए घर में चप्पल नहीं पहनें।
- श्राद्ध पूजा और अनुष्ठान के लिए काले या लाल फूलों और बेहद सुगंधित या गंधहीन फूलों के उपयोग से बचें।
- श्राद्ध कर्म करने वाले व्यक्ति द्वारा श्राद्ध के दिन बार-बार भोजन करना भी निषिद्ध है।
- श्राद्ध काल में नए कपड़े न खरीदें या न पहनें।
- श्राद्ध के दौरान नया घर , नया व्यवसाय या नया उद्यम शुरू न करें साथ ही जन्मदिन आदि भी न मनाएं।
- इस अवधि के दौरान घर में नई भौतिकवादी चीजें न रखें, नई कार आदि न रखें।
- श्राद्ध कर्म शाम, रात, या भोर के दौरान नहीं किया जाना चाहिए।
- श्राद्ध के दिन कपड़े न धोएं।
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