किसी भी कार्य की शुभता व सफलता के लिए सर्वपरि गणपति जी की पूजा अर्चना करना बहुत आवश्यक है। यदि किसी कार्य की शुरुआत में इनकी आराधना की जाए तो कार्य का फल सदैव अच्छा ही होता है। रिद्धि -सिद्धि इनकी अर्धांगिनी हैं। जिनकी कृपा से व्यक्ति को धन-धान्य व विद्या का भंडार आशीर्वाद स्वरूप प्राप्त होता है।
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बुधवार का दिन गणेश जी की पूजा अर्चना करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन की समस्त समस्याओं का समाधान प्राप्त होता है। गणेश जी के साथ-साथ लक्ष्मी जी का भी पूजन करना चाहिए। जिससे घर में सदैव सुख-शान्ति का वास हो तथा धन-अन्न के भंडार सदैव भरे रहें।
गणेश जी की पूजा करते समय यदि बुधवार के दिन उनके विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाए तो वह पारिवारिक खुशहाली के लिए बहुत अच्छा होता है एवं इससे व्यक्ति के बुद्धि, विवेक व समृद्धि में भी वृद्धि होती है। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं इसलिए इनकी आराधना करने वाले व्यक्ति के कार्यों में कभी भी कोई बाधा नहीं आती। गणेश जी की पूजा से प्रारम्भ हुआ कार्य सदैव मंगलमय ही होता है।
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गणेश जी की पूजा के लिए प्रातः काल उठकर स्नान आदि करना चाहिए। उनकी विधिवत पूजा करके उनकी आरती करनी चाहिए व उनके विशेष मंत्रों का जाप करना भी अच्छा रहता है। पूजा के भोग स्वरुप गणेश जी को बेसन के लड्डू जरूर अर्पण करने चाहिए। माना जाता है की बेसन के लड्डू गणेश को अत्यंत ही प्रिय होते हैं। उन्हें दूर्वा, पान का पत्ता, सुपारी भी चढ़ानी चाहिए।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार बुधवार का दिन सौम्यवार के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए इस दिन सम्पन्न किए गए कार्यों का फल शुभ होता है। यदि किसी व्यक्ति का बुध ग्रह कमजोर हो तो उसे इस दिन गणेश जी की पूजा जरूर करनी चाहिए इससे उसका ग्रह मजबूत होगा तथा उसे गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होगी। गणेश जी की आराधना से रोग प्रतिरोधक शक्ति में विकास होता है जिससे कोई भी बीमारी व्यक्ति को किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं पंहुचा पाती।
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