myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Shiv putra jalandhar death reason significance

जानें अपने हीं पुत्र जालंधर का वध क्यों किया भगवान शिव ने

Myjyotish expert Updated 15 Aug 2021 11:55 AM IST
शिव जालंधर
शिव जालंधर - फोटो : Google
विज्ञापन
विज्ञापन
यह बात सब जानते हैं कि भगवान शिव के एक भी पुत्र शिव और माता पार्वती के मिलन से नहीं है | बल्कि उनके सभी पुत्र माता पार्वती या भगवान शिव के द्वारा की गई उत्पत्ति है | भगवान कार्तिकेय को माता पार्वती और भगवान शिव ने अपने तांडव कर भगवान कार्तिकेय उत्पत्ति की थी | भगवान गणेश की प्रतिमा माता पार्वती ने स्वयं अपने हाथों से बनाई और उसके बाद में जान डाल कर भगवान गणेश की उत्पत्ति की थी | माता पार्वती ने भगवान शिव के पुत्र को लेकर लोगों को लगता है कि माता पार्वती और भगवान शिव के दो पुत्र भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश है पर ऐसा बहुत कम लोग जानते हैं माता पार्वती और भगवान शिव एक दो नहीं तीन पुत्र है | माता पार्वती और भगवान शिव के तीसरे पुत्र का नाम है जालंधर|

जानिए अपना भविष्य, मुफ़्त में जन्म कुंडली देखकर

जालंधर की उत्पत्ति भगवान शिव की तीसरी आंख आंख से हुई ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव ने अपनी तीसरी आंख का तेज समुद्र में फेंक दिया था जिससे जालंधर की उत्पत्ति हुई थी | पुराणों के अनुसार यह बात जालंधर को नहीं पता था कि उसके पिता भगवान शिव अवस्थी माता माता पार्वती है | और भगवान शिव को जालंधर अपना सबसे बड़ा शत्रु मानता था | जालंधर बहुत ही शक्तिशाली था उसकी शक्तिशाली होने का सबसे बड़ा कारण उसकी पत्नी वृंदा थी | पुराणों के अनुसार वृंदा अपने पति धर्म का बहुत ही पालन करती थी | के पतिवर्ता  होने के कारण इन जालंधर बहुत ही शक्तिशाली था | वृंदा के पति धर्म के कारण तीनो लोक में कोई भी जालंधर को सभी देवी - देवता मिलकर भी पराजित  नहीं कर सकते थे | यमराज भी जालंधर से डरते थे | उसको शक्तिशाली होने पर बहुत ही अभिमान था | जालंधर वृंदा की पतिव्रता धर्म की अवहेलना करके सभी देवी देवताओं की पत्नियों को परेशान करने लगा  और उनकी पत्नियों को अपनी पत्नी बनाने लगा | जालंधर को यह बात पता थी कि उससे शक्तिशाली यदि कोई है तो वह है भगवान शिव | इसीलिए उसने अपने आप को सर्व शक्तिशाली दिखाने के लिए सबसे पहले इंद्र पर आक्रमण किया और उन को परास्त करके त्रिलोधिपति बन गया और उसके बाद उसने भगवान विष्णु का आक्रमण किया | जालंधर में भगवान विष्णु को परास्त करके माता लक्ष्मी को छीनने की योजना बनाई | परंतु माता लक्ष्मी ने उससे कहा कि तुम भी जल में उत्पन्न हुए हो और मैं भी जल से ही उत्पन्न हूं जिस ताने हम दोनों भाई बहन हुए | माता लक्ष्मी की इन बातों से जालंधर प्रभावित हुआ | और माता लक्ष्मी को अपनी बहन मानकर वहां से चला गया | उसके बाद जालंधर ने कैलाश पर आक्रमण करने की योजना बनाकर माता पार्वती को छीनने की योजना बनाई जिससे माता पार्वती क्रोधित हुई और उसके बाद भगवान शिव ने जालंधर का वध करने का प्रयास किया परंतु भगवान शिव का एक भी प्रहार जालंधर का कुछ नहीं बिगाड़ पाया | सारे प्रहार जालंधरको छूकर निकल गया |
उसके बाद भगवान विष्णु ने योजना बनाई कि वह वृंदा का पतिव्रत तोड़ेंगे उसके बाद भगवान विष्णु जालंधर का रूप धारण कर वृंदा के पास गए | वृंदा को लगा जी जी जालंधर ही है उसे नहीं पता चला कि यह भगवान विष्णु है | इससे वृंदा का पतिव्रत टूट गया | और फिर भगवान शिव ने जालंधर का वध कर दिया|  पतिव्रत पर टूटने के बाद वृंदा ने आत्मदाह कर दिया |
ऐसा कहा जाता है कि वृंदा की राख के ऊपर ही तुलसी  पौधे का जन्म हुआ | तुलसी देवी वृंदा का ही अंश है |

ये भी देखें:

आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ

शिव जी से दीर्घायु का वरदान पाने के लिए कराएँ शिवसहस्त्रार्चन, काशी में कराने हेतु यहाँ बुक करें

सर्वार्थ सिद्धि योग में नवग्रह पूजन से बनेंगे आपके सभी रुके हुए काम, मुफ़्त में पूजन हेतु रजिस्टर करें
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X