मूलांक 1 ( जन्म तिथि 1,10,19,28)
आपका मूलांक 1 आपको सूर्य प्रधान बनाता है, लेकिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यदि देखें तो केतु युक्त भी करता है । श्रावण मास के उत्तरार्द्ध में सूर्य कर्क राशि में पड़ कर दक्षिणायन का हो जाता है । इस श्रावण मास में शिवजी का मूलांक के अनुसार अभिषेक करने से, धन वृद्धि तो होगी ही, साथ ही रुका हुआ धन भी प्राप्त होगा ।
आप करें- प्रतिदिन या कम से कम रविवार को अनार या सेब के रस से शिव सोम सूर्य अग्नि लोचनाय नम: मंत्र से शिव का अभिषेक करें और पूरे श्रावण मास भर बेल के वृक्ष की एक परिक्रमा अवश्य करें ।
मूलांक 2 (जन्म तिथि 2,11,20,29)
चन्द्र प्रधान मूलांक 2 आपको संवेदनशील, भावुक और धार्मिक बनाता है । लेकिन मूल प्रकृति के गुण से आप युक्त हो सकते हैं । शिवजी अपने शीश पर चन्द्र धारण करते हैं अत: शिव जी की आराधना आपके लिये सबसे श्रेष्ठ है । आप का लोगों से सामंजस्य सुधरेगा और प्रमोशन भी हो सकता है ।
आप करें- गाय के दूध में शक्कर मिलाकर शरत चन्द्र प्रभा हास्य भासाय शिवाय नम: मंत्र से शिव का अभिषेक करें और पूरे श्रावण मास गौ सेवा करें ।
मूलांक 3 (जन्म तिथि 3,12,21,30)
आप गुरु प्रधान हैं लेकिन राहु के प्रभाव में होने के कारण आप की व्यव्हार कुशलता प्रभावित होती है । परिवार और व्यवसायिक परिसर में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिये शिव जी का पूजन आपके लिये आवश्यक है । मांगलिक कार्य भी सम्पन्न होंगे ।
आप करें- हल्दी या केसर मिले दूध से, हिमगिरी तनयेशम गौरी पतये शिवाय ह्रीं मंत्र से शिव का अभिषेक करें और लक्ष्मी चालीसा का एक पाठ अवश्य करें ।
सावन माह में बुक करें शिव का रुद्राभिषेक , होंगी समस्त विपदाएं दूर
मूलांक 4 (जन्म तिथि 4,13,22,31)
राहु प्रधान होने से आप लगातार दिग्भ्रमित हो रहे हैं । कार्य में आपका मन भी नही लग रहा है । छाया ग्रह राहु का उपचार केवल शिव आराधना में ही छुपा हुआ है. आप को नये कार्य के द्वारा आर्थिक लाभ होने की प्रबल सम्भावना है । अपनी बात सौम्यता से बोलें ।
आप करें : कपूर मिश्रित जल से नगपति कृत वासम ह्रीं रुद्राय नम: मंत्र से शिवाभिषेक करें और भैरव जी के दर्शन सायंकाल को करें ।
मूलांक 5 (जन्म तिथि 5,14,23)
आपका मूलांक बुध प्रधान हैं । अपने गलत निर्णयों के कारण आप की भी स्थिति प्रभावित हो रही है । गणेश जी के दर्शन के पश्चात शिव पूजन करने से दाम्पत्य सुख और वैभव में वृद्धि होगी ।
आप करें : गन्ने के रस में बेल पत्र मिलाकर त्रिनयनम अखिलेशम शिवाय नम: मंत्र से शिवाभिषेक करें और नारंगी रंग के गणेश जी अपने कार्य स्थल पर रखें ।
मूलांक 6 (जन्म तिथि 6,15,24)
शुक्र प्रधान आपका मूलांक आपकी सौन्दर्य और ऐश्वर्य में रुचि जगाता है । आप अपने व्यवसाय के विस्तार को लेकर चिंतित हो सकते हैं । चन्द्र का प्रभाव हो ने से आप बुद्धि से निर्णय न लेकर मेनेजर को ज्यादा महत्व दे सकते हैं । शिव आराधना का उपयुक्त समय है ।
आप करें : पंचामृत से अभिषेक रथ गजेन्द्र तुरंग युक्त शिवाय नम: मंत्र से शिव का अभिषेक करें और श्रावण मास में लक्ष्मी चालिसा या श्री सूक्त का पाठ करें ।
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मूलांक 7 (जन्म तिथि 7,16,25)
आप केतु प्रधान है, इसीलिये किसी भी कार्य में आप की दृढ़ता ही आप को विजय दिलाती हैं । अपने आसपास के वातावरण का ध्यान अवश्य रखें । चर्म या रक्त सम्बन्धी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं. श्रावण मास में शिव आराधना से भय मुक्त होकर कार्य कर सकेंगे ।
आप करें : जल में शहद मिला कर जगद बीज ह्रीं श्रीं साम्ब सदा शिवाय नम: मंत्र से शिव जी का अभिषेक करें और हनुमान चालिसा का बढ़ते हुए क्रम में पाठ करें ।
मूलांक 8 (जन्म तिथि 8,17,26)
शनि प्रधान अंक 8 आप को न्यायप्रिय तो बनता है लेकिन मंगल के प्रभाव के कारण थोडा चिड़चिड़ा और गुस्सैल भी बनाता है, जो कि धन वृद्धि में बाधक है । अपनी लोकप्रियता को लेकर आप आशंकित रहते हैं । श्रावण मास में शिवजी की आराधना से आप भावनात्मक निणर्यों को लेने में चूक नही करेंगे ।
आप करें- दूध में काली तिल डालकर या जामुन के रस से उमापतये शिव शंकराय ह्रीं मंत्र से शिवजी का अभिषेक करें और शनि मंत्रों का जाप शनिवार को दोपहर में करें ।
मूलांक 9 (जन्म तिथि 9,18,27)
आपका मूलांक मंगल प्रधान है । आप की ऊर्जा ही आप को प्रगति दे सकती है । केवल ध्यान इस बात का रखें कि आप अपनी ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करें। पारिवारिक तनाव और रक्त सम्बन्धी विकारों से बचें. श्रावण मास में शिव जी की आराधना से आप लोगों से सामंजस्य स्थापित कर पायेंगे और धन लाभ होगा ।
आप करे- जल में केसर और कपूर मिलाकर ब्रह्मा धिपति ब्रह्मणो धिपति ब्रह्मा ह्री श्रीं ह्रीं शिवाय नम: मंत्र से शिवजी का अभिषेक करें और पूरे श्रावण मास भर देवी अर्गला स्त्रोत्र का पाठ करें।
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