हिंदु धर्म में अनेकों भगवान हैं । शिव त्रिदेवों में से एक । देवों के देव महादेव भी इन्हें कहा जाता है। वेदों में शिव को रुद्र नाम से जाना जाता हैं । शिव जी की आराधना सोमवार को क्यों कि जाती हैं यह प्रश्न लोगों के मन में कई बार अवश्य आता होगा । इसको लेकर कहा जाता हैं कि- सोमवार में सोम का अर्थ हैं चंद्रमा और चंद्रमा का स्थान शिव की जटाओं में हैं। कहा जाता है जैसे भगवान शिव ने चंद्रमा को क्षमा कर उन्हें अपनी जटाओं में स्थान दिया वैसे ही मनुष्य सोमवार को शिव की आराधना करें तो वो उन्हें अपने चरणों मे स्थान प्रदान करते है एवं उनकी इच्छाओं की पूर्ति करते है।
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सोमवार के दिन ऐसे करें शिव का पूजन :
- सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें ।
- फिर श्रद्धा से भगवान शिव की उपासना करें ।
- इस दिन अन्न घरण न करें।
- क्रोध,काम,पर नियंत्रण रखें।
- दिन में जब वक़्त मिले ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
- शिव जी का पूजन सदैव उत्तर दिशा की ओर मुख रख कर करें ।
- पूजन से पहले माथे पर चंदन या भस्म का टीका लगाए।
- पूजन से पहले शिवलिंग पर जो भी कुछ चढ़ा हो उसे साफ कर दें फिर पूजन करें।
- शिव चालीस का पाठ भी अवश्य करें।
सोमवार व्रत नियम
सोमवार का व्रत आमतौर पर दिन के तीसरे पहर तक होता हैं।सोमवार के व्रत में फल या पारण का कोई विशेष नियम नही हैं , परन्तु दिन में एक ही बार भोजन करें।व्रत में दोनों शिव-पार्वती का पूजन करना चाहिए क्योंकि पार्वती जी के बिना शिव अधूरे हैं । सोमवार के व्रत तीन प्रकार के होते हैं - सोलह सोमवार,सौम्य प्रदोष अथवा साधारण प्रति सोमवार । इस दिन शिव-पार्वती के पूजन के बाद कथा अवश्य सुनें।
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