आसानी से देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में, यहाँ क्लिक करें
शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापान करने का शुभ मुहूर्त : - जब से नवरात्रि शुरू होती है उसके पहले दिन ही कलश की स्थापना की जाती है। कथा यह माना जाता है कि नवरात्रि के दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करने से नवरात्रि के शुभ फल प्राप्त होते हैं। शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना अर्थात नारियल को स्थापित करने का शुभ मुहूर्त 7 अक्टूबर सुबह 6:17 AM से सुबह 7:07 AM तक रहेगा।
नवरात्रि में पूजा करने की विधि : - जो भी व्यक्ति नवरात्रि के दिन पूजा करता है उसे सुबह सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान आदि कर निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए। और फिर घर के मंदिर की साफ सफाई करनी चाहिए तथा माता दुर्गा की पूजा के लिए चौकी बिछानी चाहिए। और इस बात का ध्यान दें की चौकी को पहले गंगाजल से शुद्ध अवश्य कर लें। फिर उस चौकी पर लाल कपड़ा बिछा दें। फिर चौकी के पास एक बर्तन में या मिट्टी के किसी कुंड में मिट्टी डालकर उसमें ज्वार बोएं। फिर चौकी पर माता दुर्गा जी की तस्वीर की स्थापना करें। यदि आप माता दुर्गा की मूर्ति स्थापना करना चाहते हैं तो वह भी कर सकते हैं। फिर उसके बाद कलश को स्थापित करने के लिए सबसे पहले एक सिंदूर से स्वास्तिक बनाएं। और कलश में जल, सुपारी, अक्षत तथा लॉन्ग और एक सिक्का डालकर उसके ऊपर स्वास्तिक बनाएं। और कलश पर रोली बांध दें। और फिर नारियल को लाल रंग के किसी वस्त्र क्या चुनरी से लपेट कर उस कलश के ऊपर रख दें। और बाद में घी का दीपक जलाएं और मां दुर्गा की चालीसा पढ़ कर उनकी आरती करें।
लोग नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा की श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और कई लोग नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक भक्ति भाव से व्रत रखते हैं और माता दुर्गा की आराधना करते हैं। और कुछ लोग केवल पहले दिन और आखरी दिन ही व्रत रखते हैं।
नवरात्रि का त्योहार मनाए जाने के पीछे का पौराणिक महत्व : - नवरात्रि का त्योहार मनाए जाने के पीछे का पौराणिक कारण यह माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करने से पहले माता दुर्गा की अर्थात दुर्गा शक्ति स्वरूप की आराधना की थी। तभी से नवरात्रि का त्यौहार मनाने की परंपरा चली आ रही है। नवरात्रि के शुरू होने से ठीक 10 दिन बाद दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। इसके पीछे यह मान्यता है कि दशहरे के दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।
जीवन के संकटों से बचने हेतु जाने अपने ग्रहों की चाल, देखें जन्म कुंडली
दरिद्रता से मुक्ति के लिए ज़रूरी है अपने ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी, देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में
आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ