बड़ी बहन बोली- 'तुम मुझे कंलक लगाना चाहती थी। मेरे बैठने से यह मर जाता।' तब छोटी बहन बोली, 'यह तो पहले से मरा हुआ था। तेरे ही भाग्य से यह जीवित हो गया है। तेरे पुण्य से ही यह जीवित हुआ है। इस घटना के बाद से वह हर वर्ष शरद पूर्णिमा का पूरा व्रत करने लगी।
आर्थिक वृद्धि हेतु शरद पूर्णिमा पर कराएं माँ लक्ष्मी का श्री सूक्त पाठ एवं 700 आहुतियों के साथ विशेष हवन - 31 अक्टूबर 2020 - महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर
शरद पूर्णिमा व्रत विधि:
- सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें । उसके बाद व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन व्रत रखें।
- तांबे अथवा मिट्टी के कलश पर वस्त्र से ढकी हुई लक्ष्मी माँ की प्रतिमा को स्थापित कर उनकी पूजा करें ।
- उसके बाद शाम के समय 100 तांबे मिट्टी या सोने के घी से भरे दीपक जलाए।
- रात के समय खीर बनाकर उसे आसमान के नीचे रखे जहां पर उस पर चंद्रमा की रोशनी पड़ रही हो।
- 3 घंटे बाद उस खीर का भगवान को भोग लगाकर खुद प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और फिर अपना व्रत खोले।
- मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए पूरी रात जागरण करें अत्यंत फल प्राप्त होता है।
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