- हर शनिवार को चीटियों को काले तिल के साथ आटे और शक्कर खिलाएं ।
- शनिवार के दिन काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, लोहे के बर्तन, उड़द की दाल दान करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और फल भी देते हैं।
- एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल भर कर उसमें अपना मुख देख कर, काले कपड़े में काले उड़द, सवा किलो अनाज, दो लड्डू, फल, काला कोयला और लोहे की कील रख कर डाकोत (शनि का दान लेने वाला) को दान कर दें।
- अगर किसी इंसान को शनिदेव की कृपा नहीं मिल रही हो तो काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर अपनी मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय धारण करें।
- सवा-सवा किलो काले चने अलग-अलग तीन बर्तनों में भिगो दे । इसके बाद नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर शनिदेव का पूजन करें और चनों को सरसो के तेल में छौंक कर इनका भोग शनिदेव को लगायें । इसके बाद पहला सवा किलो चना भैंसे को खिला दें । दूसरा सवा किलो चना रोगियों में बांट दें और तीसरा सवा किलो चना अपने ऊपर से उतार कर किसी सुनसान स्थान पर रख आये ।
- प्रत्येक शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी का पूजन करने से व्यक्ति को शनि दोषों का सामना नहीं करना पड़ता है।
- शनि देव के नाम से पूजन करें : कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद व पिप्पलाद ।
- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के चारों ओर कच्चा सूत 7 बार लपेटे। इस दौरान शनि मंत्र का जाप करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
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- सूर्योदय से पहले पीपल की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं ।
- शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करें और नीले रंग का फूल चढ़ाएं ।
- शनि मंत्र ओम शनिश्चराय नमः का 108 बार जाप करें।
- मान्यता है कि रविवार को छोड़कर लगातार 43 दिन तक शनि देव की मूर्ति पर तेल अर्पित करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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