1 अगस्त को शनि त्रयोदशी का व्रत मनाया जाएगा जो हर महीने की त्रयोदशी को पड़ता है। सावन महीना पूजा - अर्चना का महीना माना जाता है। इस माह देवताओं को प्रसन्न करना बहुत ही सरल होता है। पूर्ण श्रद्धा से किया गया पूजा - पाठ भक्तों को ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायक होता है। शनि त्रयोदशी का व्रत बहुत अहम होता है। यह हिंदू धर्म में एक शुभ दिन माना जाता है जहां लोग भगवान शिव एवं शनिदेव के आशीर्वाद के लिए व्रत तीर्थ अनुष्ठान करते हैं। शनि त्रयोदशी की पूजा विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद ही की जाती है।
शनि त्रयोदशी 2020 सूर्योदय पूजा समय: 6.33 बजे
शनि त्रयोदशी 2020 सूर्यास्त पूजा का समय: शाम 6.34 बजे
शनि त्रयोदशी पर कोकिलावन शनि धाम में कराएं शनि देव का पूजन : 1 अगस्त 2020
शनि त्रयोदशी पर लोग जरूर करते थे यह 5 काम :
- प्रार्थना : यह माना जाता है कि इस दिन भगवान शनि की पूजा करने से शनि दोष के प्रभाव को दूर करने में मदद मिलती है।
- उपवास : भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई लोग शनि त्रयोदशी के इस शुभ दिन पर उपवास करते हैं।
- शनि पूजा : शनि ग्रह को शांत करने के लिए लोग शनि त्रयोदशी पर शनि पूजा करते हैं। कई लोग अपने शनि पूजा के एक भाग के रूप में भी सरसों के तेल से शनि का अभिषेक करतें है।
- दान: शनि त्रयोदशी पर, भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए बहते पानी में काले चने, अदरक, कोयला का दान करना चाहिए। इस दिन पशु -पक्षी को भोजन कराना भी अच्छा होता है। ब्राह्मणों एवं बच्चों को भी भोजन कराया जाता है साथ ही भगवान शनि के क्रोध से मुक्त होने के लिए उन्हें वस्त्र दान किया जाता है।
- जप: लोग शनि मंत्र का भी जाप करते हैं जो कि "नीलांजना समबसम् रवि यमराजम, चया मार्तण्ड सम्भुतम् तं नमामि सन्मचरम्" है।
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