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आइए अब जानते हैं उस जानकारी के बारे में जिन पर शनि देव कर रहे हैं अपना साढ़े साती व शनि ढैय्या
ज्योतिष ज्ञान के अनुसार , यह बताया जाता है कि अगर शनि देव आकाश मंडल में अपनी उल्टी चाल चल रहे हैं तो इससे सभी राशियों पर कुछ ना कुछ असर पड़ता है । लेकिन मुख्य रूप से कई राशियों के शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या से लोग प्रभावित होते हैं । शनि के वक्री होने से कामकाज में मंदी आ जाती है । शनि का वक्री होने से मतलब है आकाश मंडल में शनि देव का उल्टी चाल चलना । जिस कारण जातकों को काफी मेहनत करनी पड़ती है । इसीलिए धनु राशि , मकर राशि , कुंभ राशि , मिथुन राशि और तुला राशि वाले जातकों के लिए बेहद जरूरी हो जाता है कोई भी काम सावधानी से पूरा करना ।
इन राशि वाले जातकों पर शनि देव की टेढ़ी नजर 11 अक्टूबर तक बनी हुई है । आप कोई भी काम सूझबूझ से व समझदारी से ही पूर्ण करें ।
आमतौर पर शनि जब अपनी उल्टी चाल चल रहे होते हैं तो कई कामकाज में रुकावटें आती हैं , जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है , नौकरी के पेशे में दिक्कतें आने लगती हैं , कोयला , स्टील व लोहे से संबंधित शेयर मार्केट में नुकसान होते हैं । शास्त्रों में यह भी बताया जाता है अगर शनि की चाल उल्टी है तो वह साधारण रूप से भी अधिक बलशाली हो जाते हैं । जिस दौरान व्यक्ति को बार-बार मेहनत करनी पड़ती हैं । जिससे उसे मानसिक और शारीरिक परेशानीया महसूस होने लगती हैं ।
इसीलिए यदि आप कोई नया काम शुरू करने जा रहे हैं तो शनि की उल्टी चाल खत्म होने का इंतजार करें ।
इस अवस्था में कोई भी कार्य अपने नियंत्रण समय से देरी से पूरा होता है । जिस की गाथा यह मानी जाती है की शनि देव व्यक्ति को एक दूसरा मौका दे रहे होते हैं , ताकि वह अपनी गलतियों को सुधार सके और उन गलतियों के दंड से कुछ सीख कर अपने जीवन में आगे बढ़ सके ।
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