सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021
किन लक्षणों से पता चलेगा कि चल रही है शनि की साढ़े साती
. हाथ की हथेलियों के रंग में परिवर्तन होने लगता है। नीले या काले रंग के धब्बे दिखने लगते हैं। जिससे आपको यह संकेत मिलता है कि ग्रहदशा के प्रभाव को कम करने का उपाय करना शुरू कर दें।
. आंखों के पास कालापन होना या नाखून का कमज़ोर होकर टूटना भी इस बात का संकेत है कि आप शनि की साढ़े साती से प्रभावित हैं।
. हमेशा छवि खराब होने का डर लगा रहता है। वहीं माथे से एक चमक का अंत हो जाता है। जिससे व्यक्तित्व में निराशा बढ़ जाती है।
. स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है जिससे उग्रता बढ़ जाती है क्रोध बढ़ जाता है और छोटी छोटी बात पर संबंध खराब होने लगते हैं। समाज में बुराइयां बढ़ जाती हैं। पारिवारिक कलह शुरू हो जाती है आपस के लोगों से विवाद होने लगता है।
शनि की साढ़े साती के प्रभाव को कम करने के लिये क्या हो सकते हैं उपाय
. जिस भी राशि के लोग इस ग्रह दशा से प्रभावित हों उन्हें शनि महामंत्र का जाप 23000 बार करना चाहिए। महामंत्र का जाप एक ही स्थान पर एक ही बैठक में 23 दिनों में पूरा करना चाहिए।
. शनिवार को मंदिर जाकर सरसों के तेल में काला तिल मिलाकर शनि महाराज को चढ़ाएं।
. शनिदेव के प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए। बजरंगबली की पूजा से नकारात्मक प्रभाव को कम किया जाता है।
. शनिवार को शनिदेव के मंदिर जाकर पेड़ के नीचे दीया जलाएं शनि स्त्रोत का पाठ करें। जिससे शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और इस ग्रहदशा का प्रभाव कम होता है।
. ग्रहदशा के प्रभाव को कम करने के लिए दान करें। काली उड़द की दाल का या लोहे का दान करें।
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 20 सितम्बर - 6 अक्टूबर 2021
इस पितृ पक्ष, 15 दिवसीय शक्ति समय में गया में अर्पित करें नित्य तर्पण, पितरों के आशीर्वाद से बदलेगी किस्मत : 20 सितम्बर - 6 अक्टूबर 2021
किस राशि की आय में होने वाली है वृद्धि, पढ़िए यहाँ