शनि जयंती के शुभ अवसर पर कोकिलावन शनि धाम में चढ़ाएं 11 किलों तेल और पाएं अष्टम शनि ,शनि की ढैय्या एवं साढ़े - साती के प्रकोप से छुटकारा : 22-मई-2020
शनि देव की इच्छा और आशीर्वाद से व्यक्ति का जीवन क्षण भर में बदल सकता है। शनि न्याय के देवता है उनकी दृष्टि में कोई भी व्यक्ति भिन्न नहीं है और वह सदैव व्यक्ति को उसके कर्म के हिसाब से फल और दंड प्रदान करतें है। शनि देव को प्रसन्न करने हेतु शनिवार के दिन काले कौवों को गुलाभ जामुन खिलाने चाहिए और साथ ही साथ शनि चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। शनिवार का दिन शनि के दिन के रूप में जाना जाता है। जिससे इस दिन यदि उनकी सवारी कुत्तें को तेल लगाकर रोटी खिलाई जाएँ तो इससे शनि देव बहुत प्रसन्न होतें है। महाबली हनुमान की आरधना से भी शांत हो जातें है शनि देव के दुष्प्रभाव और दूर होती है दरिद्रता की स्थितियां। इस दिन हनुमान जी के चालीसा का पाठ करने से दूर हो जातें है शनि के प्रकोप।
शनि जयंती के पावन अवसर पर कोकिलावन शनि धाम में कराएं तेल अभिषेक
शनि जयंती का पर्व शनि देव को प्रसन्न करने में अहम स्थान सुनिश्चित करता है। इस दिन शनि देव सरलता से प्रसन्न हो जातें है। शनि देव को काले रंग की वस्तु , प्राणी एवं स्वयं काले रंग से अधिक प्रेम है। इसलिए यदि कोई भी व्यक्ति शनिवार के दिन काले रंग के पशु - पक्षियों को भोजन कराया जाना चाहिए , साथ ही काले रंग के वस्तु को दान भी करना चाहिए। शनि जयंती के दिन शनि देव का सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए। इस दिन शनि मंदिर में चालीसा एवं शनि मंत्रों का जाप भी किया जाना चाहिए। इससे शनि के दुष्प्रभावों का असर समाप्त होता है।
यह भी पढ़े :-
शनि जयंती 2020 : शनि के प्रकोप से बचना हो तो ज़रूर करें यह काम
शनि जयंती 2020 : इस वर्ष शनि जयंती पर भक्तों के बिना ही होगी शनि देव की आराधना
शनि जयंती 2020 : जानिए क्यों टेढ़ी हो गयी थी शनि देव की चाल ?
शनि जयंती 2020 : जानिए शनि देव की स्तुति में क्यों नहीं करना चाहिए इस रंग का उपयोग