myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Shani Jayanti 2020: Saturn's devotion to Saturn will overcome the effects of half century

शनि जयंती 2020 : शनि जयंती पर शनि देव की भक्ति से दूर होंगे साढ़े साती के प्रभाव

MyJyotish Expert Updated 17 May 2020 04:03 PM IST
Shani Jayanti 2020: Saturn's devotion to Saturn will overcome the effects of half century
विज्ञापन
विज्ञापन
शनि जयंती का पर्व इस वर्ष 22 मई 2020 को मनाया जाएगा। शनि जयंती का दिन शनि देव के जन्मोत्सव की ख़ुशी में मनाया जाता है। शनि देव को एक कुरुर ग्रह के रूप में देखा जाता है। शनि देव पूर्ण रूप से न्याय के देव है अर्थात जिस प्रकार एक व्यक्ति के कर्म होंगे उसके द्वारा भोगेंगे फल एवं दंड भी उसी प्रकार होंगे। शनि देव के दुष्प्रभाव किसी भी व्यक्ति का जीवन क्षण भर में नष्ट कर सकते है। शनि देव को पितृ शत्रु के नाम से भी जाना जाता है। कथन अनुसार जब वह अपनी माता छाया की कोख में थे ,तब माता छाया महादेव की अर्चना में इतनी लीन थी की उन्होंने अपने खान -पान का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखा।



शनि जयंती के शुभ अवसर पर कोकिलावन शनि धाम में चढ़ाएं 11 किलों तेल और पाएं अष्टम शनि ,शनि की ढैय्या एवं साढ़े - साती के प्रकोप से छुटकारा : 22-मई-2020

इस बात का नकारात्मक प्रभाव शनि देव पर पड़ा और उनके शरीर का रंग अंधकार समान काला पड़ गया। जन्म के समय जब सूर्य देव ने शनि देव को देखा तो उनके रंग रूप को ध्यान में रखते हुए उन्होंने शनि देव को अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया तथा अपनी पत्नी छाया को पति व्रत न होने का आरोप लगाकर अपमानित करने लगे। यह बात सदैव के लिए शनि देव के मन में घर कर गई और उन्होंने अपने पिता से भी अधिक बलशाली बनकर उनका विरोध करने की ठानी। शनि देव ने असंख्य काल तक महादेव की आराधना की थी जिसके कारण ही उनका स्थान नवग्रहों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

मासिक शिवरात्रि के दिन बंगाल के 108 शिवलिंग मंदिर में कराएं जलाभिषेक, होगी सर्व सुख की प्राप्ति व पूर्ण होंगे अटके हुए कार्य : 20-मई-2020

शनि जयंती भक्तों के जीवन का वह क्षण है जहां वह सरलता से शनि देव को प्रसन्न करके अपनी आशाओं की पूर्ति कर सकते है। शनि देव को सरसों का तेल अर्पण करना बहुत फलदायी होता है। सरसों के तेल का अर्पण शनि देव की प्रसन्नता का मुख्य रूप से कारण है। इससे अष्टम शनि ,शनि के साढ़े साती दोष एवं शनि की ढैय्या जैसे प्रकोप दूर होते है। शनि देव को प्रसन्न करने हेतु शनिवार के दिन गेहू पिसवाना चाहिए और साथ ही साथ उसमें चने का आता भी मिला लेना चाहिए उससे आर्थिक स्थितियों में वृद्धि होती है। शनि देव के शुभ प्रभाव जिस पर पड़ जाएं उससे भाग्यशाली व्यक्ति और कोई नहीं होता है।

यह भी पढ़े :-

शनि जयंती 2020 : शनि देव को तेल अर्पण करने से क्या होता है ?

शनि जयंती 2020 : जानिए शनि जयंती पर कौन से काम करने से प्राप्त होंगे मनवांछित फल

शनि जयंती 2020 : जानिए शनि जयंती पर किस प्रकार प्राप्त होती है शनिदेव


शनि जयंती के पावन अवसर पर कोकिलावन शनि धाम में कराएं तेल अभिषेक

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X