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शनि जयंती 2020 : शनि का सरसों के तेल से अभिषेक करने पर होगा भक्तों का उद्धार

MyJyotish Expert Updated 20 May 2020 04:06 PM IST
Shani Jayanti 2020: Salvation of devotees will be done if Saturn is anointed with mustard oil
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22 मई 2020 को शनि जयंती का पर्व देश भर में मनाया जाएगा। इस दिन को सूर्य देव एवं माता छाया के पुत्र शनि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। शनि का जन्म अमावस्या तिथि पर हुआ था। तथा इस वर्ष शनि जयंती अमावस्या तिथि पर ही मनाई जाने वाली है। इस दिन शनि की उपासना से दूर हो जातें है शनि के दुष्प्रभाव। शनि न्यायाधीश के रूप में जाने जातें है , अर्थात वह किसी में भेद - भाव नहीं करतें। शनि के क्रोध एवं प्रकोप की असंख्य गाथाएं प्राचीन काल से ही प्रचलित है। किसी भी व्यक्ति को अपने  जीवन में सफलता के मार्ग को प्राप्त करने हेतु यह बहुत आवश्यक है की वह शनि देव को प्रसन रखे। शनि की शुभता बिगड़ते कार्यों को भी उत्तम बना देती है। जिसमें सबसे सहायक होता है शनि का सरसों के तेल से अभिषेक।

शनि जयंती के शुभ अवसर पर कोकिलावन शनि धाम में चढ़ाएं 11 किलों तेल और पाएं अष्टम शनि ,शनि की ढैय्या एवं साढ़े - साती के प्रकोप से छुटकारा : 22-मई-2020

पौराणिक कथाओं के अनुसार रामायण काल के समय रावण ने अनेकों देवताओं एवं ऋषियों को अपनी कैद छुपा कर रखा हुआ था। इन सभी देवताओं एवं ऋषियों में शनि देव भी शामिल थे। जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे तो रावण के दरबार में उन्हें इन देवताओं एवं ऋषियों के कैद में होने का एहसास हुआ। हनुमान जी के लंका प्रज्वलन से यह सभी देवता एवं ऋषि अपने कारावास से आज़ाद हो गएँ। कैद में उल्टा लटका होने के कारण शनि देव के शरीर में बहुत पीड़ा हो रही थी। जब इस बात पर हनुमान जी का ध्यान गया तो उन्होंने सरसों के तेल से शनि देव की मालिश की जिससे उनका सारा दर्द दूर हो गया। तभी से जो कोई भी उन्हें तेल अर्पण करता है शनि देव उसके सभी दुखों का निवारण करतें है।

शनि जयंती के पावन अवसर पर कोकिलावन शनि धाम में कराएं तेल अभिषेक

शनि जयंती का दिन शनि देव को खुश करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन उपासना करने से शनि अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करतें। उनकी सभी इच्छाओं की पूर्ति करतें है। शनि देव पर सरसों का तेल अर्पण करके व्यक्ति अपने एवं अपने परिवार द्वारा किए दुष्कर्मों के लिए शनि देव के समक्ष क्षमा प्रार्थी हो सकता है। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही दिक्कतों का निवारण होता है। शनि एक मात्र ग्रह है जिनकी उपासना से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। शनि जयंती के दिन उनकी स्तुति और अधिक लाभकारी प्रमाणित होती है खासकर जब यह शनि के प्रसिद्ध धाम कोकिलावन में की जाएं। इस मंदिर में स्वयं श्री कृष्ण ने दिए थे शनि देव को दर्शन।

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