शनि जयंती के शुभ अवसर पर कोकिलावन शनि धाम में चढ़ाएं 11 किलों तेल और पाएं अष्टम शनि ,शनि की ढैय्या एवं साढ़े - साती के प्रकोप से छुटकारा : 22-मई-2020
शनि देव ने वर्षों तक महादेव शिव शंकर की उपासना से अपनी शक्तियों को प्राप्त किया है। उनके कुप्रभावों से तो देवताओं को भी भय का आभास करना पड़ता है। एक बार यदि शनि देव की कुदृष्टि किसी के जीवन पर पड़ गयी तो उसे कोई बचा नहीं सकता सिवाय एक मार्ग के वह जल्द से जल्द अपने दोष को ख़त्म करने के लिए शनि देव की शरण में जा पहुंचे। माना जाता है की शनि की शरण में जो रहता है उसके जीवन में व्यथा का कोई स्थान नहीं रहता। उनकी उपासना का सबसे महत्वपूर्ण दिन शनि जयंती यानि की शनि देव का जन्मदिन माना जाता है। इस दिन वह बहुत प्रसन्न रहता है , यदि कोई अपनी मुसीबतों से छुटकारा पाकर सुख से जीवन व्यतीत करना चाहता है तो शनि जयंती के दिन शनि देव पर सरसों का तेल अर्पण करके वह अपने दुःखों से मुक्ति पा सकता हैं।
मासिक शिवरात्रि के दिन बंगाल के 108 शिवलिंग मंदिर में कराएं जलाभिषेक, होगी सर्व सुख की प्राप्ति व पूर्ण होंगे अटके हुए कार्य : 20-मई-2020
शनि देव की आरधना संसार की समस्त विपदाओं का अंत करने में सर्व श्रेष्ठ है। शनि एवं अन्य ग्रहों के दोष भी शनि देव की आराधना से पूर्ण रूप से ठीक हो जातें है। अष्टम शनि, शनि की ढैय्या एवं साढ़े - साती जैसे गंभीर नुकसान प्रदान करने वाली विपदाओं का अंत अभी शनि देव की आराधना से दूर होतें है। शनि देव ही शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करतें है जिसके कारण उनसे प्राप्त होने वाली कुशलता न केवल व्यक्ति को सफलता की राह पर आगे पहुँचाती है बल्कि उसका जीवन सुख -समृद्धि और संतुष्टि से भी भर देती है।
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