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शनि जयंती 2020 : शनि के प्रकोप से बचना हो तो ज़रूर करें यह काम

MyJyotish Expert Updated 19 May 2020 01:21 PM IST
Shani Jayanti 2020: If you want to avoid Saturn's wrath, then definitely do this work
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22 मई 2020 , शनि जयंती का यह शुभ पर्व इस वर्ष बहुत से बदलाव के साथ सभी के समक्ष आ रहा है। शनि के क्रोध के विषय में तो सभी को ज्ञात है। परन्तु उनकी महिमा के भागीदार होने पर न जाने कितने ही लोगों का जीवन कुशाल हो गया , इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों को है। शनि देव न्याय के देवता है अर्थात उनकी दृष्टि में किसी की शक्ति या निर्बलता को ध्यान में रखते हुए कोई विशेष स्थान नहीं है। उनके नियमों के अनुसार एक व्यक्ति को फल या दंड की प्राप्ति उसके कर्मों से ही होती है। शनि देव सूर्य देव और माता छाया के पुत्र है। साथ ही साथ वह मृत्यु के देवता यमराज के भाई भी है। शनि के प्रकोप को सहन करना किसी के हित में नहीं इसलिए जितना हो सकें शनि को प्रसन्नकर उनके शुभ प्रभाव पाना ही उचित प्रमाणित होता है।

शनि जयंती के शुभ अवसर पर कोकिलावन शनि धाम में चढ़ाएं 11 किलों तेल और पाएं अष्टम शनि ,शनि की ढैय्या एवं साढ़े - साती के प्रकोप से छुटकारा : 22-मई-2020

शनि देव की प्रसन्नता के लिए शनिवार का दिन शुभ माना जाता है। प्रत्येक व्यक्ति के शुभ एवं अशुभ कार्यों का फल शनि देव द्वारा ही दिया जाता है। शनि देव के शुभ प्रभाव यदि किसी व्यक्ति के साथ हो तो वह जगत के सबसे भाग्यशाली व्यक्ति में से एक माना जाता है। उनके आशीर्वाद से भक्तों के जीवन में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती एवं घर - बार ख़ुशियों से परिपूर्ण होता है। शनि देव को खुश रखने के लिए शनिवार के दिन पिसे हुए गुड़ से लड्डू बनाकर काले रंग के घोड़े को खिलाना चाहिए। इससे घर की विपदाएं दूर हो जाती है। शनि जयंती के दिन यदि शनि देव का सरसों के तेल से अभिषेक किया जाएं तो उससे साढ़े - साती , शनि की ढैय्या एवं अष्टम शनि के प्रभाव समाप्त हो जातें है।

शनि जयंती के पावन अवसर पर कोकिलावन शनि धाम में कराएं तेल अभिषेक

प्रत्येक शनिवार को काले तिल के साथ आटा और चीनी मिलाकर चीटियों को खिलाना चाहिए। इससे शनि देव प्रसन्न होतें है साथ ही साथ व्यथा और दरिद्रता का भी समापन करतें है। शनिवार के दिन भोजन में काले नमक और काली मिर्च का प्रयोग भी बहुत लाभकारी प्रमाणित होता है। इस दिन बंदरों को भुने हुए काले चने एवं काले कुत्तों को तेल लगाकर मीठी रोटी खिलानी चाहिए। शनि देव की सवारी एक कुत्ता है और उनको रोटी खिलने से शनि देव भी प्रसन्न होते है। यदि किसी व्यक्ति पर शनि देव की बुरी दशा का काल चल रहा है तो उसे मांस एवं मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शनि की कृपा में बाधा आती है। शनि भक्तों को ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए जिससे शनि कृपा में रूकावट आए।

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