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शनि अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का संयोग, क्या और कैसे लाएगा जीवन में बदलाव?

My jyotish expert Updated 24 Nov 2021 03:39 PM IST
Surya Grahan
Surya Grahan - फोटो : Myjyotish
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इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण दिसम्बर की चार तारीख़ को होने वाला है। सूर्य ग्रहण के सूतक पड़ने से चर-अचर सभी के जीवन में बदलाव आते हैं। अधिकतर सूर्य ग्रहण के परिणाम अशुभ होते हैं। सूर्य ग्रहण के सूतक का असर अगले छः माह के लिए बताया गया है। लेकिन, डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। क्योंकि, ग्रहण के समय भजन व दान से लाभ होता है।

इस बार सूर्य ग्रहण जिस अमावस्या तिथि को होने जा रहा है, उस दिन शनिवार है, अर्थात् शनि अमावस्या। शनि, सूर्य के पुत्र हैं। परन्तु, दोनों एक-दूसरे विरोधी ग्रह भी हैं। ऐसे में दोनों ग्रहों के विपरीत प्रभावों से बचने के लिए पाँच वस्तुओं का दान आवश्यक है। अन्यथा, ग्रहण के दुष्प्रभाव से आपके जीवन में उथल-पुथल हो सकती है।

ज्योतिषियों के अनुसार, शनि अमावस्या को सूर्य ग्रहण के समय ब्राह्मणों को पाँच वस्तुओं का पंच दान सर्वाधिक लाभदायक होता है। ये पाँच वस्तुएँ अनाज, काला तिल, छाता, उड़द की दाल, सरसों का तेल होती हैं। इन पाँचों वस्तुओं के दान का महत्व होता है। इनके दान से आपकी व आपके परिवार की समृद्धि में वृद्धि होती है, शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। पंच दान से विपत्ति से रक्षा और पितरों की मुक्ति होती है। इस संयोग में सरसों का तेल दान करने से शनि का प्रभाव समाप्त सदैव के लिए समाप्त हो जाता है।

जिन जातकों पर शनि की साढ़े-साती या ढैया चल रही है। यह उनके लिए अत्यंत हाई ज़रूरी है कि वे शनि अमावस्या पर दान करें। सूर्य ग्रहण के समय पंच दान करने से उनके जीवन में शनि का प्रभाव समाप्त हो जाता है और शनि उन पर प्रसन्न होते हैं। अन्यथा वे क़ानूनी मामलों में पद सकते हैं। मित्र भी नाराज़ हो सकते हैं और यहाँ तक कि उनका शरीर भी रोगों से घिर सकता है। परन्तु, निश्चिंत होकर पंच दान करें जिससे इन परेशानियो से निजात मिलेगी।

सूर्य ग्रहण का प्रभाव से हानि पहुँचने की ज़्यादा सम्भावना रहती है। परन्तु, इस दौरान किया गया पुण्य कार्य अक्षय होता है। भजन व दान करने से अनिष्टकारी प्रभाव समाप्त हो जाते हैं। इस समय को व्यक्ति भजन व दान के माध्यम से उपकारी बना सकते हैं। पंच दान से प्रसन्न होकर सूर्य देव सर्व बाधाओं से मुक्ति व विपत्तियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। साधारण रूप से भी पंच दान सर्वथा कल्याणकारी ही सिद्ध होता है।
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