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जानिए शनि अमावस्या पर लगेगा वर्ष 2021 का अंतिम सूर्य ग्रहण, करें इन चीजों का दान

jyotishacharya Pt. Shaurabh Tripathi Updated 01 Dec 2021 08:48 PM IST
shani amavasya
shani amavasya - फोटो : google
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वर्ष 2021 का अंतिम सूर्य ग्रहण शनिवार 4 दिसंबर को लगेगा। इस दिन शनि अमावस्या भी है। एक ही दिन दोनों का होना अद्भुत संयोग है।  वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र तथा जेष्ठा नक्षत्र इससे सबसे अधिक प्रभावित होगा।  देश के किसी भी हिस्से से सूर्य ग्रहण नहीं दिखने के कारण इसका कोई कुप्रभाव देश में नहीं पड़ने वाला है। सूतक भी नहीं माना जाएगा। मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या में लगने वाले सूर्य ग्रहण का काफी महत्व होता है। सूतक न होने के चलते मंदिर खुले रहेंगे। घर व मंदिरों में पूजा पाठ चलते रहेंगे। इस खग्रास सूर्य ग्रहण को दक्षिणी गोलार्ध के देशों जैसे- ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, दक्षिण अटलांटिक महासागर और दक्षिणी हिन्द महासागर से तो भारतीय मानक समय के अनुसार लगभग 10:59 बजे से आरंभ होकर 3:07 बजे तक देखा जा सकेगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ेगा। 

शनि अमावस्या उपाय-
शनि अमावस्या के दिन किए गए खास उपाय शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के मुक्ति दिलाता है।  पंचामृत स्नान, तिल-तेल से शनि देव का अभिषेक किया जा जाना चाहिये। हर भक्त को शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए ।

इन चीजों का करें दान-
एक ही दिन सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या होने के चलते दान करना बेहद शुभ रहेगा। इस दिन श्रद्धा के मुताबिक दान करने का संकल्प लेना चाहिए। फिर जरुरतमंद लोगों को दान देना चाहिए। इस दिन तेल, जूते-चप्पल, लकड़ी का पलंग, छाता, काले कपड़े और उड़द की दाल का दान करने से कुंडली में मौजूद शनि दोष खत्म हो जाता है। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है उन्हें सरसों के तेल में अपनी परछाईं देखकर दान करना चाहिए। दरवाजे पर काले घोड़े की नाल लगाएं और कुत्ते को रोटी खिलाएं और शाम को पश्चिम की ओर तेल का दीपक जलाएं ‘ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र पढ़ते हुए परिक्रमा करने से लाभ होता है।

इस कारण लगता है ग्रहण-
जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है और पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण या आंशिक रूप से ढक जाता है, तब सूर्यग्रहण लगता है. जबकि हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय राहु और केतु की बुरी छाया धरती पर पड़ती है, जिससे ग्रहण लगता है.
 
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