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Amazing Temple: बात हो रही है, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी शहर में स्थित वाणेश्वर मंदिर के बारे में। यह मंदिर मैनपुरी शहर के निकट नगरिया गांव में स्थित है। देखने और कहने को तो यह एक मामूली सा मंदिर है। परंतु आपको बता दें कि यह बहुत पुराना शिव मंदिर है। इसके साथ हीं इस मंदिर के किस्से भी बेहद दिलचस्प और चौका देने वाले हैं। गांव के नाम पर हीं लोग इस मंदिर को नगरिया मंदिर भी कह कर पुकारते हैं। महाशिवरात्रि और सावन के पवित्र महीने के समय इस मंदिर में बड़े आयोजन किए जाते हैं। और शिवजी के तमाम भक्त बढ़चढ़ कर इसमें भाग लेते हैं। यहां आकर सच्ची निष्ठा से भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं।
Moving Shivlinga: अपनी जगह से खिसक रहा शिवलिंग_
माना जाता है कि वाणेश्वर मंदिर का शिवलिंग सालों साल अपने स्थान से थोड़ा-थोड़ा खिसकता जा रहा है। अगर आप भी इस मंदिर में दर्शन करने हेतु प्रवेश करते हैं, तो आपको भी ऐसे दृश्य नजर आएंगे जो आमतौर पर किसी अन्य शिव मंदिरों में नहीं देखा जाता। आपने अक्सर शिव मंदिरों में भ्रमण किया होगा और वहां शिवलिंग को घंटे के ठीक नीचे हीं पाया होगा। परंतु यहां घंटे से करीबन 2 फीट की दूरी पर स्थित है।
मंदिर के द्वार के करीब है शिवलिंग_
आप जैसे हीं मंदिर के अन्दर घुसेंगे तो यहां की शिवलिंग को दरवाजे के बेहद करीब पाएंगे। शिवलिंग दिन प्रति दिन ऐसे प्रतित हो रहे हैं मानो मंदिर के द्वार को पार करना चाह रहे हों। इस शिवलिंग की एक और खासियत यह है की ये दिखने में भी बिलकुल असामान्य है। शिवलिंग के बीचोबीच एक मोटी सी दरार है। जैसे कि शिवलिंग पर नुकीले शास्त्र से किसी ने प्रहार किया हो।
खिसकने का कारण_
वाणेश्वर मंदिर के खिसकने निरंतर की तकनीक को लेकर ग्रामीणों की मान्यता है कि करीब 50 से 60 साल पहले गांव में एक बार सुखाड़ की विकट स्थिति हुई थी तब उस समय गांव वालों ने बारिश के लिए शिवजी से निवेदन कर उनकी खूब पूजा अर्चना की, फिर भी बारिश नहीं हुई। तभी एक दिन आक्रोश में आकर मंदिर के पुजारी भोंगड़ानंद कुल्हाड़ी से शिवलिंग पर कई प्रहार कर दिए। बताया जाता है कि उसी कुल्हाड़ी के प्रहार ने शिवलिंग पर एक छप छोर दिया यानी यह दरार इसी की देन है। इसलिए यहां के लोगों की अवधारणा है कि जिस दिन से ये घटना घटी है, तभी से शिवलिंग हर साल अपने जगह से खिसकने लगे हैं।
जानें लोगों के सहमे रहने की वजह_
ग्रामीणों के कथन अनुसार कई बार तो यह शिवलिंग मंदिर के द्वार के इतना नजदीक आ गया की लोगों में दहशत मच गई। उन्हें लगने लगा की अब ये जल्द हीं बाहर निकल जाएंगे। ये दृश्य सबसे अद्भुत था, लोग इसे देख सहम से गए थें। फिर कुछ समय बाद शिवलिंग पुनः अंदर चला गया। स्थानीय लोगों का मानना है कि जिस दिन ये शिवलिंग दरवाजे से बाहर आ गई तो दुनिया को प्रलयकारी परिणाम का सामना करना पड़ जाएगा।
40 दिनों में पूर्ण होती है मनोकामना_
वाणेश्वर मंदिर के लिए यह कहा जाता है कि यहां जो भक्त 40 दिन लगातार भक्तिभाव से शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं , उन्हें मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। हालांकि आपको बता दें तो उन 40 दिनों में भक्तों को कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। जिसमें जातक को तमाम संकटों का सामना करना पड़ता है। जो भोलेनाथ द्वारा संचालित किया जाता है। परंतु जो व्यक्ति इस कठिन परीक्षा को सकुशल पार कर महादेव के जलाभिषेक का संकल्प पूरा करता है, तो वह भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त कर लेता है। और फिर उसके असंभव कार्य भी सफल होने लगते हैं।
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