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Home ›   Blogs Hindi ›   Sawan Somvar 2022: On this day, the first Monday of Sawan is falling, worship with this method

Sawan somvar 2022 सावन के सोमवार पर करें इस तरह से भोलेनाथ की पूजा

MyJyotish Expert Updated 18 Jul 2022 05:52 PM IST
सावन के सोमवार पर करें इस तरह से भोलेनाथ की पूजा
सावन के सोमवार पर करें इस तरह से भोलेनाथ की पूजा - फोटो : google
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 इस दिन पड़ रहा है सावन का पहला सोमवार , इस विधि से करें पूजा 


सावन का महीना महादेव को अति प्रिय है इस महीने में महादेव का माता पार्वती के रूप में पुनर्मिलन हुआ था।मान्यता है की सावन मास में महादेव की पूजा करना और सच्चे मन से व्रत करना भक्तों की सभी मनोकामना पूरा करते है।इस महीने सावन की शुरुआत 14 जुलाई दिन बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा है और सावन की समाप्ति 12 अगस्त , सावन पूर्णिमा के दिन हो रहा है। सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है।जो व्यक्ति सच्चे मन से इस व्रत और पूजा विधि का पालन करता है उसकी सभी मनोरथ पूर्ण होती है।

सावन का पर्व हिंदू धर्म में सब कोई मानता है। भारत के लगभग सभी शिवालयों में हर हर महादेव की गूंज सुनाई पड़ती है। साथ ही भक्तों की भीड़ भी महादेव के दर्शन के लिए उमड़ पड़ती है।महादेव की उपासना करने का सबसे उत्तम दिन सावन का माना जाता है। क्योंकि इस माह में माता पार्वती को अथक तपस्या के बाद महादेव मिले थे। ये भी मान्यता है की इस माह में महादेव धरती पर अपने ससुराल वालों से मिलने आते है। इसलिए भी सावन के सोमवार के दिन विधिवत महादेव की पूजा करना बहुत फलदाई होता है।इस महीने में महादेव भक्त कावड़ यात्रा निकलते है। उसकी भी अपनी महत्ता होती है। सावन के महीने में महादेव की पूजा करने का सबसे श्रेष्ठ महीना होता है। 

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सावन में इस बार पड़ेंगे 4 सोमवार

कहते है की इस महीने में महादेव को रिझाने के लिए उनके भक्त विशेष पूजा अर्चना करते हैं। इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ा है। इस बार सावन 14 जुलाई दिन बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा है। सावन का पहला सोमवार 18 अगस्त को पड़ा है। दूसरा 25 जुलाई को पड़ रहा है। तीसरा सावन का सोमवार  1 अगस्त को पड़ा है।

सावन का अंतिम सोमवार  8 अगस्त को पड़ रहा है। ऐसे ही करते हुए 12 अगस्त को सावन खत्म हो जाएगा। इस चारों सोमवार के दिन महादेव की विधि विधान से पूजा अर्चना करें आपकी सारी मनोरथ पूर्ण होती हुई दिखाई देंगी। 

इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा

सावन का महीना बहुत पवित्र माना जाता है। इस महीने में सभी लोग महादेव की पूजा करते है। कोई घर से ही कर लेता है तो कोई मंदिर का कर पूजा करता है। लेकिन महादेव को बस सच्चा भक्त और सच्ची आराधना से चाहिए होता है। चाहे आप पूजा घर से करो या मंदिर से , जहां से भी करो सच्चे मन महादेव की पूजा करो।

 सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहने। फिर अपने घर के पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करें। तब महादेव की पूजा शुरू करें।

सावन के महीने में प्रतिदिन शिव जी जल अर्पित करें। हो सके तो आप हर सोमवार के दिन रामराज मिट्टी से शिव जी का पूरा परिवार और गड़ बना कर अभिषेक करें।ऐसा करने से महादेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और आपकी श्रद्धा उनकी पूजा को पूर्ण करती है।

अभिषेक किया हुआ जल पूरे घर में छिड़क दे। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है। और घर में शांति बनी रहती है। सावन के महीने में हो सके तो आप केसरिया,हारा,लाल और महादेव का प्रिय रंग सफेद रंग का वस्त्र धारण करें।

सावन के महीने में महादेव की पूजा में गंगा जल के साथ उनका अति प्रिय बेल और शमी भी अर्पित करें। इसके साथ ही पूजा करते समय जब एक एक बेल चढ़ाते है तब ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से मन को शांति मिलती है। और मनोरथ पूर्ण होती है। इस बात का पूरा ध्यान दे की बेल का पत्ते का डंठल तोड़कर महादेव को उल्टा करके चढ़ाएं। 

सावन के महीने में महादेव को दूध,दही,शहद,फल,और गंगा जल से अभिषेक करें। शिव जी को सावन के महीने में रोज मंचामृत से स्नान कराएं। इसके साथ ही शिव जी भोग में मीठा लगाएं। और ये प्रसाद घर में सबको दे दे।

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 रोज सावन के महीने में ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके साथ ही श्री भगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि मंत्र का जाप कर के महादेव पर जल अर्पित करें। कर सकते है तो इस मंत्र का जाप सावन के हर दिन में करें।

महादेव को जल अर्पित करते समय इस बात का ध्यान दे की जल अर्पित करते समय की दिशा उत्तर होनी चाहिए। क्योंकि मान्यता है की शिव जी का उत्तर दिशा का बायां अंग माना जाता है।

सावन के महीने में महादेव को सफेद मिठाई,शक्कर,घी,और गन्ने का रस भोग में अर्पित करें। और इस प्रसाद को अपने घर परिवार और अपने घनिष्ट मित्रों को भी दे।

सोमवार के व्रत में फलहार का सेवन ही करें। इस बात का विशेष ध्यान दे की व्रत के दौरान नमक और अनाज का सेवन ना करें।

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