सावन पुत्रदा एकादशी
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Sawan Putrada Ekadashi Vrat 2021 Date - जैसा कि हम जानते हैं सावन मास (Sawan month) चल रहा है । सावन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रवण पुत्रदा एकादशी (Shravana Putrada Ekadashi ) कहा जाता है । यह पवित्रपन एकादशी (pavitropan Ekadashi) और पवित्र एकादशी (pavitra ekadashi) के नाम से भी प्रचलित ( famous) है। पुत्रदा अर्थात 'पुत्र दाता' (Son giver) सावन मास भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित (Dedicated) रहता है। इस एकादशी पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu ) की आराधना की जाती है। पौराणिक मान्यताओं (Ancient beliefs) से विष्णु जी की कृपा से व्रत (Fast) करने वाले को पुत्र की प्राप्ति होती हैं। हिंदू पंचांग (Hindu calender) के अनुसार पुत्रदा एकादशी वर्ष में दो बार होती है ।एक श्रवण मास में और दूसरी पौष मास में । इस बर्ष श्रावण पुत्रदा एकादशी 18 अगस्त (August) 2021, दिन बुधवार (Wednesday ) को पड़ रही है।
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सावन पुत्रदा एकादशी व्रत कथा
भविष्यपुराण में 1 बार श्री कृष्ण (lord krishna) ने राजा युधिष्ठिर को इसका वर्णन दिया था। उस समय एक राजा बहुत अमीर और शक्तिशाली राजा था, लेकिन दुर्भाग्यवश संतान का सुख प्राप्त नहीं था। उन्होंने ब्राह्मण priest सबसे सुझाव मांगे लेकिन उन्हें अपनी समस्या का समाधान ना मिल पाया। तब बे दार्शनिक लोमेश के पास पहुंचे। लोमेश ने मध्यस्तता (philosophy) से पता लगाया कि निसंतानता उनके पिछले जन्मों का पाप sin है । महेश जी पिछले जन्म में सौदागर थे। एक बार सौदागर प्यास से तड़पकर झील के पास पहुंचे, उस झील से गाय और बछड़ा cow and calf पानी पी रहे थे । लेकिन उन्होंने जानवरों को हटाकर स्वयं झील से पानी पीने लगे । जिस कारण इस जन्म उन्हें कोई संतान नहीं हो रही । इसलिए लोमेश में उन्हें और महारानी (Both king and Queen) को एकादशी व्रत Ekadashi fast रखने की सलाह दें। श्रवण की पवित्रओपन एकादशी से उन्हें पाप से छुटकारा मिलेगा।राजा ने विधि-विधान पूजा की और व्रत रखा। फलस्वरूप उन्हें पुत्र (baby boy) की प्राप्ति हुई ,तभी से यह व्रत की मान्यता चली आ रही है ।।
सावन पुत्रदा एकादशी व्रत विधि
कहावत है कि पुत्रदा एकादशी के दिन पति- पत्नी (Husband wife) को जल्दी उठकर, स्नान करके भगवान विष्णु ( Lord Vishnu) से प्रार्थना (Pray) करनी चाहिए कि उन्हें निसंतान से मुक्ति हो और पुत्र (Son) की प्राप्ति दें । उन्हें फूल (Flower) , फल (Fruits) ,अक्षत (Rice) चंदन (Sandalwood) व वस्त्र ( Clothes) अर्पित करने चाहिए । व विष्णु जी की आरती विधि विधान करनी चाहिए ।।
सावन पुत्रदा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त
इस वर्ष सावन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 18 अगस् बुधवार Wednesday से शुरू हो रही है।
Timing- यह तिथि 18 अगस्त समय 3:20 से लगेगी और उसी रात 1:05 पर समाप्त भी हो जाएगी ।
मान्यता है पुत्रदा एकादशी पर व्रत fasting रखना व गरीबों को आर्थिक दान -दक्षिणा financial support देना चाहिए । साथ ही यह भी बताया जाता है की इस व्रत को करने से मृत्यु पश्चात व्यक्ति को मोक्ष (Heaven) की प्राप्ति होती है।
एकादशी पारण -