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Home ›   Blogs Hindi ›   SAWAN PRADOSH VRAT: The last Pradosh fast of Sawan, all wishes will be fulfilled with the blessings of Mahadev

SAWAN PRADOSH VRAT: सावन का आखिरी प्रदोष व्रत, महादेव के आशीर्वाद से पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

my jyotish expert Updated 24 Aug 2023 12:34 PM IST
SAWAN PRADOSH VRAT: सावन का आखिरी प्रदोष व्रत, महादेव के आशीर्वाद से पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं
SAWAN PRADOSH VRAT: सावन का आखिरी प्रदोष व्रत, महादेव के आशीर्वाद से पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं - फोटो : my jyotish
सावन में आने वाले प्रदोष व्रत की महिमा का उल्लेख धर्म शास्त्रों में प्राप्त होता है. इस समय भगवान शिव का पूजन करना तथा देवी पार्वती सभी सुखों को प्रदान करने वाला होता है. प्रदोष व्रत सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने वाला होता है. व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है. प्रदोष का व्रत सावन के माह में अवश्य करना चहैए. ऎसा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों एवं परेशानियों से मुक्ति का मार्ग भी प्राप्त होता है. प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शंकर देवी के साथ कैलाश पर वास करते हैं ओर प्रसन्न रुप से भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं ऎसे में इस शुभ समय के दौरान किया जाने वाला यह व्रत सभी तरह से शुभता एवं लाभ को प्रदान करता है. 

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प्रदोष व्रत से दूर होंगे कुडली के दोष  
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन हर मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान भोले की विधि-विधान से पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने का आखिरी प्रदोष व्रत 28 अगस्त को सोमवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन किया जाने वाला प्रदोष व्यक्ति को सभी प्रकार की मानसिक चिंताओं से भी मुक्ति प्रदान करने वाला होगा. इस दिन गरीब असहाय लोगों को दान देने से भी मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस प्रदोष व्रत के दौरान चंद्र देव की उपासना करने से व्यक्ति को चंद्र दोष से मुक्ति प्राप्त होती है. 

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प्रदोष व्रत मुहूर्त पूजा समय 
इस बार अधिक मास के कारण सावन का महीना 2 महीने का है. जिसमें सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को 4 प्रदोष व्रत का फल मिल रहा है. सावन माह का आखिरी प्रदोष 28 अगस्त को रख अजाएगा. सावन के आखिरी प्रदोष की तिथि 28 अगस्त को शाम 6.48 बजे से 29 अगस्त को दोपहर 2.47 बजे तक है. नियमानुसार प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में ही यानी सूर्यास्त के बाद करने का विधान बताया जाता है इस प्रकार से शास्त्र अनुसार आखिरी प्रदोष व्रत 28 अगस्त को ही रखा जाएगा. 

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प्रदोष पूजा महत्व और दोष से मुक्ति 
प्रदोष में शाम के समय भगवान शंकर की पूजा की जाती है. प्रदोष पूजन से कुंडली में निर्मित चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है, मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है. अगर इस दिन व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार दान करें तो भगवान भोले बहुत प्रसन्न होते हैं. मनोवांछित फल की प्राप्ति कराता है.
 
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