सावन 2020 : महादेव को संसार में सर्वोपरि माना गया है। उनकी आराधना से भक्तों का कल्याण होता है। हिन्दू धर्म के प्रत्येक वेद एवं पुराण में उन्हें इस जगत का गुरु माना गया है। मनुष्यों को लेकर भगवान शिव की अनोखी बात यह है की इन्हे भारत के प्रत्येक कण में समान रूप से ही पूजा जाता है। यह एक आरण्या शक्ति है जिन्हे संसार के प्रारम्भ से लेकर अंत तक समान रूप से उपस्थित माना जाता है। यह संसार में अपनी सौम्य एवं रूद्र दोनों ही प्रकार की आकृतियों के लिए जाने जातें है। महा देव की कृपा अपरम्पार है। इनके आशीर्वाद मात्र से ही भक्तों के कष्टों का निवारण हो जाता है। शिव का ऐसा ही एक धाम है अचलेश्वर महादेव। कहा जाता है की शिव स्वयं यहाँ दिन में तीन बार अपने लिंग स्वरुप में रंग परिवर्तन करते है।
सावन माह में बुक करें शिव का रुद्राभिषेक , होंगी समस्त विपदाएं दूर
महादेव का अचलेश्वर मंदिर राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित है। यह जिला लगभग राजस्थान और मध्यप्रदेश की सिमा पर स्थित माना जाता है। यह जगह चम्बल के बहुत ही निकट मानी जाती है। यहाँ स्थित मंदिर शिव को समर्पित है और इसी में विराजमान है अचलेश्वर महादेव। इस मंदिर को लेकर एक बहुत ही प्रसिद्ध मान्यता है की इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित है वह दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में भक्तों द्वारा मांगी गई समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है। कहा जाता है की यहाँ से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता है। दूर - दूर से भक्त यहाँ अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए महाकाल के दर्शन करने आते है।
समस्त इच्छाओं की पूर्ति के लिए श्रावण मास में कराएं रुद्राभिषेक - बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
इस मंदिर की विशेष एवं चमत्कारी शक्तियों को जानने हेतु बहुत सी प्रक्रियाएं की गई परन्तु कही से भी मंदिर का रहस्य सामने नहीं आ पाया है। विज्ञान की विभिन्न तकनीकें भी इस रहस्य के सामने हार मन चुकें है। कहा जाता है की मंदिर एवं शिवलिंग के रहस्य को जानने के लिए शिवलिंग के चारों ओर खुदाई की गई थी जिससे यह पता लगाया जा सकें की यह शिवलिंग रंग परिवर्तन के पीछे रहस्य क्या है। परन्तु खुदाई के समय पता लगा की इस शिवलिंग का कोई अंत ही नहीं है। जितने अंदर तक खुदाई होती गई , उतने अंदर तक शिवलिंग के स्थित होने के अवशेष मिले। सावन माह में महादेव की आराधना का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इसलिए सावन में शिव का रुद्राभिषेक जरूर करवाना चाहिए।यह भी पढ़े :-
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