myjyotish

6386786122

   whatsapp

8595527218

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Sankashti Chaturthi 2023: Chanting these mantras of Ganesh ji on this rare Chaturthi will give success in eve

Sankashti Chaturthi 2023: इस दुर्लभ चतुर्थी के दिन गणेश जी के इन मंत्रों का जाप, देगा हर कार्य में सफलता

my jyotish expert Updated 03 Aug 2023 01:00 PM IST
इस दुर्लभ चतुर्थी के दिन गणेश जी के इन मंत्रों का जाप, देगा हर कार्य में
इस दुर्लभ चतुर्थी के दिन गणेश जी के इन मंत्रों का जाप, देगा हर कार्य में - फोटो : google
संकष्टी चतुर्थी का समय गणेश पूजन के लिए विशेष होता है. हिंदुओं में इस दिन का बहुत महत्व माना गया है, वैसे तो हर माह चतुर्थी तिथि आती है लेकिन इस बार अधिक मास के कृष्ण पक्ष के दिन आने वाली चतुर्थी के दिन दुर्लभ योग होगा. इस दिन संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा जो तीन साल के बाद ही आता है.

लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023

इस कारण यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होगा. ऎसे में आने वाली इस दुर्लभ चतुर्थी का योग मंत्र जाप द्वारा कार्य में सिद्धि को प्रदान करने वाला होगा. आइये जानें किन मंत्रों के जाप से भगवान गणेश प्रसन्न होकर कर देंगे भक्तों के कष्ट दूर 

सौभाग्य पूर्ण श्रावण माह के सावन पर समस्त इच्छाओं की पूर्ति हेतु त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं में कराए रूद्र अभिषेक - 31 जुलाई से 31 अगस्त 2023

चतुर्थी गणेश मंत्र 
चतुर्थी पूजन में गणेश के निम्न मंत्रों का जप कर सकते हैं. इन मंत्रों के द्वारा सिद्धि एवं भक्ति की प्राप्ति भी संभव हो पाती है. 

" ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा " 
इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार की सिध्दियों के साथ साथ कार्य की सिद्धि का अशीर्वाद भी प्राप्त होता है. यह गणेश जी का सबसे सरल और प्रभावी मंत्र भी माना गया है. इस मंत्र को शुद्ध द्ध चित्त मन से करने से कष्ट समाप्त हो जाते हैं. 

सावन माह में भोलेनाथ को प्रसन्न करने हेतु काशी में कराएं रुद्राभिषेक - 04 जुलाई से 31 अगस्त 2023

" ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् " 
भगवान श्री गनेश के इस नाम का मंत्र जाप करने से मनोकामनाएं पूरी होटि है. व्यक्ति को हर काम में सफलता भी मिलती है. 
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्,,

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं पर कालसर्प दोष निवारण पूजा कराएं -Kaal Sarp Dosh Nivaran Puja at Trimbakeshwar Jyotirlinga Online

अधिकमास के श्रावण माह परचतुर्थी योग 
पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह, के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में दो चतुर्थी तिथियां होती हैं. पूर्णिमा के बाद की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के रूप में जाना जाता है और शुक्ल पक्ष के दौरान की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में जाना जाता है,

सावन शिवरात्रि पर 11 ब्राह्मणों द्वारा 11 विशेष वस्तुओं से कराएं महाकाल का सामूहिक महारुद्राभिषेक एवं रुद्री पाठ 2023

संकष्टी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है जिसका अर्थ है कठिन समय से मुक्ति पाने का समय. प्रत्येक चतुर्थी का अपना विशिष्ट नाम होता है और गणेश जी के अलग-अलग रूपों की पूजा अलग-अलग रुपों में की जाती है. विभुवन संकष्टी चतुर्थी अधिकमास के दौरान आती है इसलिए यह हर तीन साल में आती है, इस संकष्टी विभुवन पालक महागणपति की पूजा की जाती है. 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support


फ्री टूल्स

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X