Rishi Panchami
- फोटो : my jyotish
भारत भूमि ऋषियों के तप द्वारा सदैव ही फलती फुलती रही है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पंचमी तिथि उन्हीं ऋषि मुनियों को नमन करने हेतु मनाई जाती है. ऋषि पंचमी व्रत का विशेष महत्व रखता है. ऋषि पंचमी व्रत करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के पाओं को दूर करता है तथा बुद्धि ज्ञान का सुख प्रदान करता है. इस शुभ दिन पर ऋषियों का पूजन करने से व्यक्ति को पाप कर्मों से मुक्ति पाने में सफल होता है.
गणपति स्थापना और विसर्जन पूजा : 19 सितंबर से 28 सितंबर 2023
भारत में कई जगहों पर ऋषि पंचमी को भाई पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में सप्तऋषि की भी पूजा की जाती है. यह गणेश चतुर्थी के अगले दिन पड़ता है. इस वर्ष ऋषि पंचमी आज 19 सितंबर 2023 को है. ऋषि पंचमी को गुरु पंचमी, भाई पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. ऋषि पंचमी पर सप्तर्षियों की विशेष पूजा की जाती है. ऋषि पंचमी का व्रत करने से पापों से मुक्ति और ऋषियों का आशीर्वाद मिलता है.
ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त
हिंदू धर्म में ऋषि पूजन की परंपरा सदियों से चली आ रही है. कई विशेष मौकों पर ऋषियों की पूजा विशेष रूप से की जाती है. ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषियों की पूजा की परंपरा भी बहुत प्राचीन समय से चली आ रही है. ऋषि पचंमी का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया जाता है. सप्त ऋषियों का वर्णन अनेक धर्म ग्रंथों में मिलता है. अलग-अलग ग्रंथों में अलग-अलग सप्त ऋषि बताए गए हैं.
काशी दुर्ग विनायक मंदिर में पाँच ब्राह्मणों द्वारा विनायक चतुर्थी पर कराएँ 108 अथर्वशीर्ष पाठ और दूर्बा सहस्त्रार्चन, बरसेगी गणपति की कृपा ही कृपा 19 सितंबर 2023
इस वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 19 सितंबर 2023 मंगलवार को दोपहर 13:43 बजे प्रारंभ होगी और 20 सितंबर 2023 को दोपहर 14:16 बजे समाप्त होगी. सप्त ऋषियों की पूजा का शुभ समय बुधवार को सुबह 11:01 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक व्याप्त रहने वाला. संध्या समय के दौरान नक्षत्र पूजन के साथ पूजन संपन्न होता है.
मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों
धार्मिक मान्यता के अनुसार ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषियों की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन व्रत उपवास करते हुए पूजा की जाती है. पूजन द्वारा भक्त को सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि अगर किसी से किसी कारण वश कोई गलती हो जाती है तो ऋषि पंचमी का व्रत करने से उसे उस गलती की माफी मिल जाती है.