समस्या कई प्रकार के होते है और हर समस्या से निपटने के तरीके भी अलग अलग होते है। आज बात करते है ऐसे ही एक समस्या और उसके समाधान के विषय में।
यूँ तो हर प्रकार की समस्या कष्टकारी होती है लेकिन आर्थिक परेशानी एक इंसान को हर ओर से निराश कर देती है और आर्थिक संकट के चक्र में फंसा कर रख देती है।
अगर समस्या उत्पन होती है तो उसके साथ समाधान भी जन्म लेता है , हमारे शस्त्रों में हर प्रकार की समस्या का समाधान दिया हुआ है। शास्त्र ज्ञाताओं की मानें तो आर्थिक संकट के लिए भी उपाय दिए गए है शास्त्रों में। जानकारों का मानना है कि आर्थिक परेशानी और कर्ज से छुटकारा दिलाने में काफी सहायक है भगवान भोलेनाथ का शिव दारिद्रय दहन स्त्रोत्रं।
भक्तों के नाथ कहे जाने वाले भगवान भोलेनाथ के नाम से हर ससमस्या हल हो जाती है फिर चाहे वो किसी भी प्रकार की समस्या हो।
यूँ तो सावन का महीना भगवान भोलेनाथ का प्रिय माह है और ऐसे में अगर कोई संकट आये तो भगवान शिव का दारिद्रय दहन स्तोत्र का पाठ इस सावन के महीने में अत्यंत लाभकारी है। घर में खुशहाली लाने के लिए इस पाठ का अपना अलग ही महत्व है।
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ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर घनघोर संकट के बादल छाये हो और वह पूरी तरह कर्जे में डूब गया हो या फिर व्यापार में उसे बार बार निराशा ही मिल रही हो तो उन्हें दारिद्रय दहन स्तोत्र का नित प्रतिदिन पाठ करना चाहिए। अपनी आर्थिक को मजबूत करने और भविष्य में ऐसे संकट से बचने के लिए इस मंत्र का उपयोग करना चाहिए।
आपको बता दें कि इस लाभकारी स्रोत की रचनाकार महर्षि वशिष्ठ है। इस स्त्रोत के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजन से संबधिंत कुछ नियम भी माने जाते है।
पंडितों के अनुसार यदि जीवन में आर्थिक समस्या ने घर कर लिया है तो शिवमंदिर या भगवान शिव के प्रतिमा के सामने प्रतिदिन काम से काम तीन बार महादेव के दारिद्रय दहन स्त्रोत्रं का पाठ करने से उन्हें अवश्य लाभ मिलेगा।
ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति को कष्ट हैं अगर वह स्वयं पाठ करें तो यह उसके लिए अत्यंत फलदायी होता है लेकिन खुद से पाठ ना कर पाने कि भी स्थिति में अगर उनके परिजन जैसे पत्नी या माता-पिता भी उनके बदले यह पाठ करें तो भी लाभ मिलता है।
इस स्त्रोत के पाठ को आरंभ करने से पहले ऐसा कहा जाता है कि शिवजी का मन में ध्यान करके। फिर संकल्प लेकर ही पाठ को शुरू करना चाहिए। पाठ करते समय अगर श्लोकों को गाकर पढ़े तो अति उत्तम अन्यथा इसका मन ही मन भी पाठ कर सकते है।आर्थिक परेशानियों के साथ साथ इस पाठ को परिवार में सुख शांति और समृद्धि के लिए भी लाभकारी माना गया है।
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महृषि वशिष्ठ द्वारा रचित ये शिवजी का दारिद्रय दहन स्तोत्रम् कुछ अंश इस प्रकार है।
।।दारिद्रय दहन स्तोत्रम्।।
गौरी प्रियाय रजनीश कलाधराय,कलांतकाय भुजगाधिप कंकणाय।
गंगाधराय गजराज विमर्दनायद्रारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।
भानुप्रियाय भवसागर तारणाय,कालान्तकाय कमलासन पूजिताय।
नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षितायदारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।
विश्वेशराय नरकार्ण अवतारणायकर्णामृताय शशिशेखर धारणाय।
मँजीर पादयुगलाय जटाधरायदारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।
ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय,दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।
पंचाननाय फणिराज विभूषणायहेमांशुकाय भुवनत्रय मंडिताय।
गंगाधराय गजराज विमर्दनायद्रारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।
आनंद भूमि वरदाय तमोमयाय,
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।
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जीवन में अगर कठिनाई आती है तो उसके साथ समाधान भी छुपे होते है ऐसे में जरुरी होता है समाधान की ओर ध्यान देना। आप भी इस लाभकारी मंत्रो का जाप कर आर्थिक परेशानी से निजात पा सकते है तथा सुखद और आनंदमय जीवन जी सकते है।
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