पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पितरों को तृप्ति मिलती है जिससे वो खुश होते हैं, लेकिन कुछ लोगों को तिथि और पूजा का ज्ञान नहीं होता है। जिससे वो श्राद्ध नहीं कर पाते हैं। ऐसे में पितृदोष के कारण कई तरह की समस्याएं उनके जीवन में बनी रहती हैं। इसलिए पुराणों के अनुसार पितृओं को प्रसन्न करने के लिए कुछ खास उपाय भी किए जा सकते हैं।
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श्राद्ध न हो सके तो ये उपाय करें -
- सुबह नहाकर तांबे के लोटे में पानी भरकर उसमें गाय का कच्चा दूध, जौ, तिल और चावल डालें। फिर दक्षिण दिशा की और मुंह करके उस जल को पीपल में चढ़ाएं। इससे पितृदेव खुश हो जाएंगे।
- गायों को हरा चारा खिलाएं और गौशाला में जाकर दक्षिण दिशा की ओर मुंह रखकर पानी में कच्चा दूध मिलाकर पितरों को अर्पण करें। इससे पितृ शांत होतें है।
- पितृपक्ष में रोज ब्राह्मण को भोजन करवाएं या किसी मंदिर के पूजारी को रोज भोजन साम्रगी (आटा, घी, फल, गुड़ और सब्जी) दान करें। इसके साथ श्रीफल पर अपनी श्रद्धा अनुसार दक्षिणा भी दें।
- सर्वपितृ अमावस्या पर चावल के आटे से पिंड बनाकर उन पर जौ और तिल लगाएं। फिर सफेद कपड़ें में रखें और पलाश के पत्तों पर रखकर पवित्र नदी में बहा दें।
- घर में जहां पीने का पानी रखा जाता है वहां सुबह-शाम घी का दीपक जलाने से पितृदेव खुश होते हैं।
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 01 सितम्बर - 17 सितम्बर 2020
- गाय का गोबर सुखाकर उस कंडे पर घी और धूप देने से भी पितृदेव प्रसन्न हो जाते हैं।पितरों के गुस्से को शांत करके तृप्त करने के लिए सबसे आसान काम यह है कि, आप गाय को चारा खिला दें।
- एक मुट्ठी काले तिल का दान करें
- इसके अलावा अगर आप किसी विद्वान ब्राह्मण को सिर्फ एक मुट्ठी काले तिल भी दान कर देंगे तो इससे भी आपके पितर तृप्त हो जाएंगे।
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