विज्ञान भले नौतपा को नहीं मानता है किन्तु वो भी इस बात को नहीं झुठलाता की नौतपा के आने से गर्मी बढ़ जाती है। और सामान्य के मुकाबले इस समय गर्मी ज्यादा होती है ।
नौतपा के आते ही किसान लोग उससे ये आशा लगा लेते हैं कि अगर नौतपा में बारिश नहीं हुई ठंडी हवा नहीं चली तो इस साल बारिश अच्छी होगी
आज हम जानेगें ,क्या बारिश का नौतपा से है कोई सम्बन्ध
सूरज तेज का प्रतीक है तो चंद्रमा को शीतलता देने वाला कहा गया है । वैसे रोहिणी नक्षत्र का मुख्य रूप से अधिपति ग्रह चंद्रमा होता है। लेकिन जब चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में सूर्य आ जाता है तो सूर्य इस नक्षत्र पर अपना प्रभाव डालने लगता है ।
नौतपा के समय सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है। रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश करने को नौतपा कहा जाता है। इस दौरान सूर्य सबसे ज्यादा बलवान रहता है जिस कारण इन दिनों गर्मी काफी ज्यादा पड़ती है।बता दे कि इस बार नौतपा 25 मई से शुरु हो रहा है इस दौरान सूर्य, मंगल, बुध का शनि से समसप्तक योग होने से धरती का तापमान काफी ज्यादा रहेगा। इन दिनों भीषण गर्मी पड़ेगी।
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हालांकि सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिन तक रहता है लेकिन शुरुआत के 9 दिनों को नौतपा कहा जाता है। कहा जाता है कि इन नौ दिनो में धरती जितनी ज्यादा गर्म रहती है उतनी ही ज्यादा अच्छी बारिश होने की संभावना होती है। ज्योतिषों के अनुसार इस बार नौतपा में काफी गर्मी पड़ेगी जिस कारण अच्छी बारिश होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। हालांकि कई जगह आंधी और तुफान भी आ सकते हैं। लेकिन कुल मिलाकर अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।
सूर्य को तेज का प्रतीक माना जाता है। और चंद्रमा को शीतलता यानी ठंडक देने वाला कहा गया है। वैसे रोहिणी नक्षत्र का मुख्य रूप से अधिपति ग्रह चंद्रमा होता है। लेकिन जब चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में सूर्य आ जाता है तो सूर्य इस नक्षत्र पर अपना प्रभाव डालने लगता है। जिससे इस नक्षत्र का तापमान काफी ज्यादा बढ़ जाता है। जानकार बताते हैं कि हर साल इस रोहिणी नक्षत्र पर सूर्य की एक बार दृष्टि जरूर पड़ती है। साथी ही मई के आखिरी दिनों में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाने के कारण झुलसा देने वाली गर्मी पड़ती है। ज्येष्ठ महीने में सूर्य के वृष राशि के 10 अंश से 23 अंश 40 कला तक नौतपा कहलाता है ।
विज्ञान क्या कहता है : विज्ञान के अनुसार नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती है। जिस कारण धरती का तापमान काफी ज्यादा बढ़ जाता है। अधिक गर्मी पड़ने के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है । जिससे समुद्र की लहरें आकर्षित हो जाती है जिससे अच्छी बारिश हो जाती है।
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