रामनवमी पर कैसे करें पूजा, जाने पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
चैत्र पक्ष के नवरात्रों की नवमी तिथि को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु ने राम अवतार में धरती पर जन्म लिया था। भगवान श्रीराम के भक्त इस दिन विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि राम नवमी की पूजा कैसे करें और इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है
चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि का आरंभ शनिवार 9 अप्रैल को रात 1:32 हो जाएगा और रविवार 10 अप्रैल को रात 3:15 तक रहेंगी।
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इस बार रामनवमी पर तीन शुभ योग एक साथ बन रहे हैं। रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग बहुत ही शुभ माना जाता है और रामनवमी के दिन यह संयोग पूरे दिन बना रहेगा। इस योग के साथ साथ रवि योग और सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहे हैं। जिसके चलते रामनवमी के पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है।
रामनवमीं के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:31 से 5:16 तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त 11:57 से 12:48 मिनट तक रहेगा। बात करे विजय मुहूर्त की तो इस बार रामनवमी पर विजय मुहूर्त दोपहर 2:30 से 3:31 तक रहेगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 6:31 से 6:55 तक रहेगा। आपको बता दें कि रामनवमी के दिन अमृत काल रात 11:50 से लेकर 11 अप्रैल को सुबह 1:35 तक रहेगा। इस दिन रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग पूरे दिन रहेंगे।
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अब बात करते है पूजा विधि की रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा कैसे करें
रामनवमी के पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अपने घर के मंदिर में रखे देवी देवताओं को स्नान कराएं और उन्हें स्वच्छ वस्त्र धारण कराए। उसके बाद सभी देवी देवताओं को तिलक करें और भगवान श्रीराम को तुलसी का पत्ता और पुष्प अर्पित करें। साथ ही भगवान श्रीराम को अपने सामर्थ्य अनुसार कोई भी फल अर्पित करें। यदि आप व्रत कर सकते हैं तो भगवान के सामने व्रत करने का संकल्प लें। अन्यथा आप पूरे दिन सात्विक चीजों ही ग्रहण करें। इसके पश्चात मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें और भगवान श्रीराम की आरती करें। संभव हो तो आप रामचरित्रमानस, रामायण, श्री राम स्तुति और राम रक्षा स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं। अन्यथा आप मात्र भगवान श्रीराम के नाम का जप करें। भगवान के नाम का जप करने का बहुत अधिक महत्व होता है और भगवान राम के नाम के जप में कोई विशेष नियम भी नहीं होता है। कभी भी कहीं भी राम नाम का जप कर सकते हैं। श्री राम जय राम जय जय राम या फिर सिया राम जय राम जय जय राम में से आप किसी भी मंत्र का जप कर सकते हैं। दिन में जितना संभव हो उतने राम नाम का जप करें और उसके बाद शाम के समय आरती करें। जिन भक्तों ने व्रत रखा है रात्रि के समय भगवान को भोग लगा भोजन ग्रहण कर अपना व्रत खोले। इस प्रकार पूजा करने से आपको प्रभु श्रीराम की कृपा अवश्य प्राप्त होगी।
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