सावन का महीना बहुत पवित्र मास माना जाता हैं , भगवान भोलेनाथ की आरधना हो या विनायक चतुर्थी का पर्व , लेकिन सबको इंतज़ार रहता है राखी के त्यौहार का। सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षा बंधन का पर्व। भाई बहन के आपसी रिश्ते और प्रगाढ़ करने तथा उनके बीच प्रेम बढ़ाने का त्यौहार हमारे देश में सदियों से मनाया जाता हैं। इस पर्व के पीछे अनेक पौराणिक कथाएं बताई जातीं हैं।
आपको बता दें कि इस वर्ष हिन्दू पंचाग के अनुसार रक्षा बंधन 22 अगस्त 2021 को मनाई जाएगी। 22 अगस्त को श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि हैं,इसी दिन सावन का महीना समाप्त हो रहा है तथा इसके बाद भादव महीना शुरू हो जाएगा ।
सावन महीने का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता हैं रक्षा बंधन ,इस दिन बहनें अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती हैं , उनके माथे पर तिलक लगतीं हैं और अपने भाई की आरती करतीं हैं तथा भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देतें हैं। यह भाई बहन का बहुत पवित्र त्यौहार माना जाता है। इस दिन सुबह स्न्नान करने के बाद सभी शिष्य भी अपने गुरुओं को रक्षा का सूत्र बांधते हैं तथा गुरु शिष्य परम्परा का निर्वहन करतें हैं। इस दिन धार्मिक अनुष्ठान या पूजन से और देवताओं ,पितरों के तर्पण से भी लाभ मिलता हैं ,परिवार में सुख शांति समृद्धि का वास होता है तथा घर से नकारात्मक ऊर्जा ख़त्म हो जातीं हैं। पूरे भारतवर्ष में ये रक्षा बंधन का पर्व पूरे देश में धूम -धाम से मनाया जाता है।
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22 अगस्त 2021 :
इस साल रक्षा बंधन 22 अगस्त की तिथि को है , ज्योतिष के अनुसार इस बार राखी का त्यौहार बहुत ही शुभ संयोग लेकर आया हैं। पूर्णिमा की तिथि के दिन धनिष्ठा नक्षत्र के संगम से एक अति शुभ शोभन संयोग बन रहा हैं। ज्योतिष शास्त्र में इसे बहुत ही शुभ संयोग माना गया है। इस बार का रक्षा बंधन भद्रा काल रहित होगा। आपको बता दें कि ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भाइयों को राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से शाम के 4 बजकर 30 मिनट तक होगा, इसके साथ ही कुछ विद्वानों का मानना हैं कि राखी बांधने का सबसे शुभ समय दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शाम के 4 बजकर 18 मिनट तक होगा।
विशेष बात यह हैं कि इस साल राखी के त्यौहार पर भद्रा काल की नज़र नहीं लगेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भद्रा को शनि देव की बहन माना जाता हैं तथा भद्रा काल जिस भी समय रहता है उस वक़्त हमें कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। भद्रा काल को अशुभ माना जाता हैं और इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा काल की अशुभ छाया नहीं पड़ेगी। हमारे शास्त्रों में भद्रा रहित समय में ही राखी बांधने की परम्परा रहीं हैं और ऐसा भी कहा जाता हैं कि भद्रा रहित समय में भाई को राखी बांधने से भाग्य में बढ़ोतरी होती हैं।
राखी के त्यौहार पर कुछ विशेष बातों का अवश्य ध्यान रखें जैसे :
- घर में साफ सफाई रखें और मंदिर को जरूर साफ़ करें।
- मंदिर में विराजमान अपने भगवान को भी रक्षा सूत्र अवश्य चढ़ाये।
- रक्षा बंधन के दिन क्रोध , अहंकार तथा विवाद की स्तिथि से दूर ही रहने का प्रयास करें।
- इस दिन लाल वस्त्र के एक हिस्से में सरसों के दाने और अक्षत रखकर उसे लाल धागे से ही बाँध कर शुद्ध पात्र में रख कर भगवान नारायण की प्रतिष्ठा करें। इसके पश्चात फिर षोडशोपचार विधि से विधिवत पूजन करें फिर उसे आप अपनी कलाई में बाँध लें और समंभव हो तो उसे अपने घर के मुख्य द्वार पर भी बाँध दें।
- ज्योतिष बतातें हैं कि ऐसा करने से घर परिवार की सभी समस्या खत्म हो जाएंगी।
- राखी प्रेम और विश्वास का त्यौहार है इसे ऐसे ही सहर्ष श्रद्धा एवं आस्था के साथ मनाएं।
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