'ओम येन बद्धो बली राजा दानवेंद्रो महाबल:
तेंन त्वमापी बहनमि रक्षे मा चल मा चां:'।।
जो पौराणिक काल Ancient time में 12 वर्षों तक सुर और असुरों God & Demons के बीच युद्ध war हुआ था। ऐसा लगता था इस बार शायद असुरो की ही जीत victory होगी । दानवों के राजा king of demon ने स्वयं को त्रिलोक का राजा sky,world,hades king घोषित announce कर दिया था तब परेशान इंद्र god Indr गुरु बृहस्पति के पास अपनी परेशानी लेके पहुंचे । इस विधान में गुरु बृहस्पति ने मंत्र mantra का जाप किया । वही उनकी पत्नी इंद्रारी ने भी सभी रक्षा सूत्रों में शक्ति भरवा lots of energies कर अपने पति के हाथ में बांध दिया। रक्षा सूत्र की शक्तियों की ताकत नहीं इंद्र ने अपना राज पुनः again प्राप्त करवाया तभी से यह एक शक्तिशाली जाप जाना जाकरवाया।
रक्षाबंधन 2021 तिथि
रक्षाबंधन का पर्व 22 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा
रक्षाबंधन 2021 शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त सुबह 5:30 से शाम के 6:03 तक
अपरांत समय सुबह 1:44 से 4:30 मिनट तक
अपरांत समय अवधि 2 घंटे 40 मिनट
प्रदोष काल 8:08 से 10:18 मिनट
प्रदोष काल अवधि 2 घंटे 8 मिनट
राखी पूर्णिमा प्रारंभ 21 अगस्त 2021 3 बचकर 45 मिनट
राखी पूर्णिमा समापन 22 अगस्त 5:58 मिनट तक
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विशेषता- Importance:
रक्षाबंधन Rakshabandhan हर वर्ष श्रावण पूर्णिमा shawan purnima को मनाया जाता है । इसलिए कि से राखी पूर्णिमा Rakhi purnima भी कह सकते हैं। इस दिन बहने बड़े प्यार से अपने भाइयों को राखी बांधते हैं और उनकी सुख समृद्धि pray for life के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं । हमारे बड़े हमें बताते हैं इस त्यौहार की पहली राखी भगवान जीजी first rakhi to God को बांधने चाहिए क्योंकि आज हम जो कुछ भी है सिर्फ उन्हीं के आशीर्वाद से हैं । वे हमारे हर पल रक्षा protect us करते हैं। महिलाएं इस दिन अपने घर की दीवारों पर स्वर्ण बनाती है । उसकी पूजा करके खीर और मिठाईयां kheer and sweets चढ़ आती है राखी बांधती है । साथ ही नागपंचमी naagpanchmi पर गेहूँ बोने wheat होने का भी रिवाज है।राखी वाले दिन इस पौधे की पूजा की जाती है और साथ ही भाइयों के कानों पर यह बालियां लगाए भी जाते हैं । महाभारत Mahabharat में लिखित है जब भगवान कृष्ण Lord Krishna के हाथ पर गहरी चोट लगी थी तब जो पति ने अपनी साड़ी के पल्ले का एक हिस्सा फाड़कर कृष्ण जी के हाथ में बांधा था । तब ही से भगवान कृष्ण ने द्रौपदी Dropadi को अपना बहन बनाकर उनसे वादा promise किया था कि वे हमेशा उनकी रक्षा करेंगे।
ठीक इसी तरह एक बार चित्तौड़ की रानी कलावती ने भी राजा भाइयों को राखी भेजी थी और उनसे दरख्वास्त request की थी कि वे गुजरात के राजा से उनकी रक्षा करें तब राजा ने राखी स्वीकार करके अपने भाई होने का फर्ज निभाया था।
रक्षासूत्र के फायदे-
ऐसी मान्यता Belief है कि राखी को कलाई wrist पर बांधने पर उसे उप मणिबंध भी कहा जाता है । ज्योतिष Astrologer बताते हैं की तीन रेखाएं मणिबंध कहलाते हैं यही रेखा जीवन रेखा होते हैं । शास्त्रों का मानना है इन रेखाओं में ब्रह्मा, विष्णु ,महेश तीनों देवों का आशीर्वाद blessing of god brahma, Vishnu, mahesh और मां लक्ष्मी पार्वती और मां सरस्वती Maa lakshmi,Saraswati,Parvati की कृपा रहती है। राखी कलाई में बांधने से मन में शांति और दिमाग में बुरे विचार negative thoughts नहीं आते है।विज्ञान Acc to science अनुसार मौली या रक्षा सूत्र बांधने से वात ,पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है।जिससे तमाम बीमारियां जैसे कि ब्लड प्रेशर blood Pressure, हार्ट अटैक heart attack, डायबिटीज Diabetes लकवा से बचाओ होते हैं । प्रमुख नियंत्रित नसे हाथ की कलाई से होकर ही जाते हैं अतः उससे व्यक्ति स्वस्थ भी रहता है।