सावन के अंतिम सोमवार यानी की 3 अगस्त के दिन पूर्णिमा तिथि है साथ ही इसी दिन भाई - बहन के अटूट रिश्ते का पर्व रक्षा बंधन भी है। इस वर्ष राखी के दिन सुबह 9 :29 बजे तक भाद्रपद रहेगा। यह काल उच्च नहीं होता है इसलिए मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद के बाद ही बहनों को अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधनी चाहिए।
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9 :30 बजे से लेकर पूर्ण दिवस राखी के लिए बहुत ही अच्छा है। 3 तारिक का दिन बहुत ही शुभ इस दिन एक साथ बहुत से शुभ संयोग बन रहें है। इसी दिन सावन सोमवार , पूर्णिमा एवं रक्षा बंधन पड़ने के कारण इस दिन पर किए जाने वाले कार्य अवश्य ही पूर्ण होंगे।
इस दिन विधिवत पूर्णिमा का पूजन करें और साथ ही एवं अपने गुरुओं से आशीर्वाद प्राप्त करें। ग्रह - नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार रक्षाबंधन के दिन गुरु अपनी राशि धनु और शनि मकर में वक्री रहेगा , चंद्र ग्रह भी शनि के साथ ही रहेगा। इस दिन कुछ विशेष योग बन रहे है। इस बार राखी का दिन बहुत शुभ , राशियों पर रहेंगे उत्तम प्रभाव।
कहा जा रहा है की इससे पहले यह योग अ 558 साल पहले यानि की 1462 में बना था। उस वर्ष 22 जुलाई की तिथि रक्षा बंधन की थी। जिस प्रकार 1462 में रक्षा बंधन के दिन राहु मिथुन राशि में था और केतु धनु राशि में , उसी प्रकार इस वर्ष भी राहु - केतु की स्थिति सामान्य है ।
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रक्षा बंधन के दिन प्रातः उठ जाना चाहिए एवं पूर्ण विधि - विधान से देवी - देवताओं का पूजन करना चाहिए। इस दिन पितरों का स्मरण करना भी अच्छा होता है। इस दिन रेशम का बना वस्त्र , सरसों , केसर , चन्दन , चावल , दूर्वा एवं का चांदी का दान किसी ब्राह्मण को करना चाहिए। इस दिन घर के मंदिर में कलश स्थापना करें एवं उसपर फूल एवं फल चढ़ाएं।
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