पर्सनलाइज्ड रिपोर्ट से जानें राहु केतु राशि परिवर्तन किस प्रकार करेगा आपको प्रभावित
इन दोनों ग्रहों के गोचर से राशियों में राज और प्रशासन पर असर देखने को मिलेगा। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि वालों के लिए यह परिवर्तन लाभदायी रहेगा। वहीं, अन्य राशियों के जातकों को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। राहु ग्रह 23 सितंबर को सुबह 5 बजकर 28 मिनट पर मिथुन राशि से वृष राशि में गोचर करेगा जो 12 अप्रैल 2022 तक वही स्थित रहेगा।
इसी तरह, केतु का गोचर 23 सितंबर को ही सुबह 7 बजकर 38 मिनट पर धनु राशि से वृश्चिक राशि में होगा जो 12 अप्रैल 2022 सुबह 8:44 बजे तक वही रहेगा। इसका कई राशियों पर शुभ और अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु -केतु दोनों अशुभ ग्रह है। यह जिस राशि मे प्रवेश करते हैं, उसके ही हिसाब से जातक को शुभ-अशुभ फल की प्राप्ति होती हैं।
इस साल यह मिथुन राशि की यात्रा समाप्त करके वक्री अवस्था में वृषभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। राहु उल्टी गति से चलने वाला ग्रह हैं। जिन जातकों की जन्म कुंडलियों में केतु लग्न में होगा उनके चेहरे पर अलग तरह का प्रकाश रहेगा । अपने तेज और प्रभाव से वह समाज में अपना भिन्न स्थान सुनिश्चित करने हेतु सक्षम होंगे।
कामाख्या नवग्रह मंदिर में कराएं सामूहिक पूजन, राहु केतु गोचर के अशुभ प्रभाव होंगे दूर : 23-सितम्बर-2020
अशुभ प्रभाव : अगर जातक की कुंडली मे राहु-केतु अशुभ स्थान पर बैठे है तो जातक बीमारियों से घिर जाता हैं । जातक को नकारात्मक ख़्याल आने लग जाते हैं। वह मानसिक तनाव में रहता हैं । इसके चलते बहुत नुकसान का सामना जातक को करना पड़ सकता हैं और उसके द्वारा लिए ग़लत फैसलों से बहुत परेशानियाँ होती हैं।
शुभ प्रभाव : अगर कुंडली मे राहु-केतु शुभ जगह बैठे हो तो जातक को सुख की प्राप्ति होती हैं । इससे जातक की किस्मत भी पलट सकती हैं और समाज में मान -सम्मान भी मिलता हैं।
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राहु एवं केतु किस प्रकार आपकी कुंडली को प्रभावित कर सकतें है ?
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