इस बार का प्रदोष व्रत अतिशुभ फलदायी माना जा रहा है। इस दिन ग्रह-नक्षत्र बहुत ही शुभ संयोग बना रहे हैं। इस दिन विधि विधान से पूजन और व्रत करने से जीवन के कष्टों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। जानिए इस दिन कौन से शुभ योग बन रहे हैं और क्या है प्रदोष व्रत पूजा विधि, महत्व व शुभ मुहूर्त।
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भौम प्रदोष व्रत का मुहूर्त-
त्रयोदशी तिथि आरंभ- 22 जून 2021 दिन मंगलवार को सुबह 10 बजकर 22 मिनट से
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त- 23 जून 2021 दिन बुधवार को प्रातः 6 बजकर 59 मिनट पर
त्रयोदशी तिथि को बन रहे हैं ये शुभ योग-
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर सिद्धि व साध्य योग बन रहे हैं। इन दोनों योगों में जो भी कार्य किए जाते हैं ∣ उसमें सफलता मिलती है ∣मांगलिक कार्यों के लिए ये योग बेहद शुभ मानें जाते हैं। इस दिन दोपहर 1 बजकर 52 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। इसके बाद साध्य योग लग जाएगा। इस दिन विशाखा और अनुराधा नक्षत्र हैं। ये दोनों नक्षत्र भी ज्योतिष में शुभ माने जाते हैं। इस दिन दोपहर 02 बजकर 23 मिनट तक विशाखा नक्षत्र रहेगा। इसके बाद अनुराधा नक्षत्र लग जाएगा।
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प्रदोष व्रत पूजा विधि-
त्रयोदशी तिथि को प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करके भगवान का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
अब पूजा स्थान पर दीप प्रज्वलित करें और फल फूल अर्पित करें।
संध्या के समय स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। आप मंदिर में जाकर पूजन कर सकते हैं।
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